DSP सिराज हो सकते हैं टीम इंडिया से बाहर, बल्लेबाजों को नहीं कर पा रहे गिरफ्तार
घरेलू टेस्ट मैचों में निराशाजनक प्रदर्शन से मोहम्मद सिराज पर बढ़ा दबाव
India vs New Zealand Mohammed Siraj : भारतीय कप्तान रोहित शर्मा टीम चयन में निरंतरता में विश्वास करते हैं जिससे घरेलू परिस्थितियों में निराशाजनक प्रदर्शन करने वाले तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में अंतिम एकादश में जगह बनाए रखने के लिए संघर्ष करना होगा।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन मैचों की श्रृंखला का दूसरा टेस्ट 24 अक्टूबर से पुणे में शुरू होगा। टीम में स्पिन गेंदबाजी हरफनमौला वाशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) को शामिल करना एक संकेत है कि कोच गौतम गंभीर और रोहित (Rohit Sharma) स्पिन गेंदबाजों के अनुकूल पिच पर उन्हें खिलाना चाहेंगे।
हैदराबाद के इस 30 साल के गेंदबाज ने अपने 30 टेस्ट के करियर में 80 विकेट लिए है जिसमें से 61 विकेट दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में खेले गये 17 टेस्ट मैचों में आए हैं।
भारत में उनके नाम 13 मैचों में 192.2 ओवर की गेंदबाजी में सिर्फ 19 विकेट है। यह आंकड़े बताते है कि सिराज उपमहाद्वीप की परिस्थितियों में जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) और मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) जैसे गेंदबाजों इतने कारगर नहीं है। बुमराह और शमी के पास किसी पर पिच और परिस्थितियों में विकेट निकालने की क्षमता है।
सिराज भारत में इनमें से चार मैचों में एक भी विकेट लेने में विफल रहे है उनमें से दो मैचों में उन्हें क्रमश 10 और 6 ओवर ही गेंदबाजी करने के लिए मिले। ये मुकाबले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले साल इंदौर और दिल्ली में खेले गए थे।
सिराज के लिए सबसे बड़ी निराशा की बात यह है कि वह नई गेंद से विकेट निकालने में विफल रहे हैं जिससे बुमराह पर दबाव काफी बढ़ता जा रहा है।
भारत के नई पीढ़ी के गेंदबाजों के साथ काम करने वाले एक गेंदबाजी कोच ने कहा कि सिराज की गेंदबाजी में भारतीय परिस्थिति के लिए तकनीकी खामियां है।
उन्होंने गोपनीयता की शर्त पर कहा, आप अगर सिराज के रिकॉर्ड को देखे तो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में पारी में पांच विकेट लिए हैं जहां ज्यादा उछाल है। टेस्ट मैचों में गेंद को बल्लेबाज से छह से आठ मीटर की दूरी पर टप्पा खिलाने को टेस्ट मैचों में आदर्श लंबाई मानी जाती है। अलग-अलग देशों में हालांकि उछाल के आधार पर परिस्थितियां अलग होती है।
अपने समय में घरेलू क्रिकेट के शीर्ष गेंदबाजों में शामिल रहे इस खिलाड़ी ने कहा, ऑस्ट्रेलिया में आदर्श लंबाई आठ मीटर है, इंग्लैंड में यह लगभग छह मीटर है और कम उछाल वाले भारतीय विकेटों पर यह 6.5 मीटर है। आप इसे 6.5 मीटर के आसपास टप्पा खिलाने के साथ गति सही रखते है तो गेंद थोड़ी हरकत करती है और बाहरी किनारा लगने की संभावना रहती है।
उन्होंने समझाते हुए कहा, सिराज बल्लेबाज से लगभग आठ मीटर दूर गेंद को टप्पा खिला रहे है और भारत में इस लंबाई के साथ विकेट निकालना मुश्किल है।
उन्होंने कहा, भारतीय परिस्थितियों पिच की धीमी गति के कारण आठ मीटर की लंबाई वाली गेंद को परखने के लिए बल्लेबाज के पास अधिक समय होता है।
इस गेंदबाजी कोच को हालांकि भरोसा है कि 22 नवंबर से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू होने वाली पांच मैचों की बॉर्डर गावस्कर श्रृंखला में वह फिर से अपनी लय हासिल कर लेंगे। (भाषा)