नई दिल्ली:साल 2001 में राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने कोलकाता में खेले गए एतिहासिक मैच में 376 रनों की विशाल साझेदारी की थी जिससे भारत ऑस्ट्रेलिया को फॉलोओन के बावजूद हरा पाया था। आज करीब इस मैच के 20 साल बाद भारतीय क्रिकेट में राहुल और लक्ष्मण की साझेदारी एक बार फिर दिखेगी।
बस अंतर यह होगा कि इस साझेदारी में राहुल द्रविड़ का इस बार पलड़ा भारी रहेगा। 20 साल पहले की साझेदारी में वीवीएस लक्ष्मण ने 281 रन बनाए थे और राहुल द्रविड़ ने 180 रन बनाए थे।
भारतीय क्रिकेट टीम के अगले कोच बनने जा रहे पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने मंगलवार को इस पद के लिये औपचारिक तौर पर आवेदन कर दिया है।
राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के मौजूदा प्रमुख द्रविड़ के आवेदन करने से क्रिकेट सलाहकार समिति का काम आसान हो गया है क्योंकि उनके जैसे कद का कोई बड़ा नाम दौड़ में नहीं है।समझा जाता है कि वह बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह की पहली और एकमात्र पसंद हैं।
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने मंगलवार को पीटीआई को बताया , राहुल ने औपचारिक तौर पर आवेदन कर दिया है चूंकि आज आवेदन की आखिरी तारीख थी । एनसीए से उनकी टीम गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे और क्षेत्ररक्षण कोच अभय शर्मा पहले ही आवेदन कर चुके हैं । उनका आवेदन औपचारिकता भर थी ।
द्रविड़ ने हाल ही में दुबई में आईपीएल फाइनल के मौके पर बीसीसीआई के आला अधिकारियों से बात की। गांगुली और शाह ने उनसे एक बार फिर आईसीसी टी20 विश्व कप के बाद पद संभालने के लिये कहा।
द्रविड़ के मार्गदर्शन में भारतीय क्रिकेट के नये दौर की शुरूआत न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू श्रृंखला से होगा जिसमें वह नये टी20 कप्तान के साथ प्रभार संभालेंगे।
भारत के पूर्व महान बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण एक बार फिर एनसीए प्रमुख के पद की दौड़ में है।सूत्रों से पता चला है कि लक्ष्मण अब आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद के मेंटर नहीं रहेंगे । ऐसे में उनका चयन होने पर उन्हें कमेंट्री और कॉलम लिखने का अपना काम छोड़ना होगा।
भारतीय क्रिकेट के हित में राष्ट्रीय कोच और एनसीए प्रमुख मिलकर काम करते हैं। द्रविड़ और लक्ष्मण दक्षिण क्षेत्र के लिये घरेलू क्रिकेट के बाद भारतीय टीम के लिये साथ खेले हैं और एक दूसरे के काफी करीब हैं।
लक्ष्मण ने इस पद में रूचि नहीं दिखाई है लेकिन बीसीसीआई उनसे फिर संपर्क करेगा। उनके इनकार करने पर अनिल कुंबले का नाम भी दौड़ में है लेकिन देखना यह होगा कि बोर्ड उनसे संपर्क करता है या नहीं।