इंदौर। युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ की आकर्षक अर्धशतकीय पारी के बावजूद 41 बार का चैंपियन मुंबई पांच दिवसीय रणजी ट्रॉफी फाइनल मैच के शुरुआती दिन मंगलवार को यहां गुजरात की अनुशासित गेंदबाजी के सामने पहली पारी में 228 रन पर आउट हो गया।
पहले दिन का खेल समाप्त होने तक 66 साल बाद फाइनल में खेल रहे गुजरात ने भी अपनी पहली पारी शुरू कर दी थी। उसे केवल एक ओवर खेलने का मौका मिला जिसमें उसने बिना किसी नुकसान के दो रन बनाए हैं। गुजरात के कप्तान पार्थिव पटेल ने टॉस जीतकर मुंबई को पहले बल्लेबाजी का न्यौता दिया। जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति के बावजूद गुजरात के अन्य तेज गेंदबाजों ने सुबह की नमी का पूरा फायदा उठाकर मुंबई को शुरू में ही झटके दिए जिसके केवल पांच बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे।
सेमीफाइनल में अपने पदार्पण मैच में शतक जड़ने वाले 17 वर्षीय पृथ्वी शॉ ने हालांकि फिर से अपने कौशल का अच्छा नजारा पेश किया और रन आउट होने से पहले 71 रन की आकर्षक पारी खेली। सूर्यकुमार यादव (57) ने भी अर्धशतक बनाया और इस बीच प्रथम श्रेणी मैचों में 4000 रन पूरे किए। इन दोनों के अलावा ऑलराउंडर अभिषेक नायर (35), सिद्धेष लाड (23) और श्रेयस अय्यर (14) ही दोहरे अंकों में पहुंचे।
गुजरात की तरफ से अनुभवी तेज गेंदबाज आरपी सिंह (48 रन देकर दो), मध्यम गति के गेंदबाज चिंतन गजा (46 रन देकर दो) और ऑफ स्पिनर रूजुल भट (पांच रन देकर दो) ने दो-दो जबकि रस कलारिया और हार्दिक पटेल ने एक-एक विकेट हासिल किया। इससे पहले आरपी सिंह ने चोट से उबरने के बाद वापसी करने वाले अखिल हेरवादकर (चार) को देर तक नहीं टिकने दिया और सातवें ओवर में उन्हें पगबाधा आउट करके गुजरात को पहली सफलता दिलाई।
पृथ्वी ने हालांकि अपनी प्रवाहमय बल्लेबाजी जारी रखी हालांकि इस बीच भाग्य ने भी उनका साथ दिया। जब वे 25 रन पर थे तब स्लिप में उनका कैच छूटा था। गजा को हालांकि जल्द ही सफलता मिल गई, जब उन्होंने अय्यर को विकेटकीपर पार्थिव के हाथों कैच कराया। इसके बाद पृथ्वी ने केवल 56 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया और सूर्यकुमार के साथ तीसरे विकेट के लिए 52 रन की साझेदारी की। इस युवा बल्लेबाज ने हार्दिक पटेल पर गेंदबाज के सिर के ऊपर से छक्का लगाया लेकिन अगली गेंद पर एक रन चुराने के प्रयास में वे रन आउट हो गए।
पृथ्वी ने 93 गेंदें खेलीं तथा 11 चौके लगाए। कप्तान आदित्य तारे (चार) भी आते ही पैवेलियन लौट गए। उन्हें हर्षल ने पहली स्लिप में कैच कराया। सूर्यकुमार को 35 रन के निजी योग पर जीवनदान मिला, जिसका फायदा उठाकर वे अर्धशतक पूरा करने में सफल रहे। इसके बाद वे हालांकि अपनी पारी लंबी नहीं खींच पाए और गजा की गेंद पर पुल करने के प्रयास में मिड ऑफ पर कैच दे बैठे।
आरपी सिंह ने लाड को विकेट के पीछे कैच कराया जिसके बाद नायर ने एक छोर संभाले रखा लेकिन दूसरी तरफ से उन्हें सहयोग नहीं मिला। नायर आखिरी बल्लेबाज के रूप में पैवेलियन लौटे। उन्होंने कलारिया की बाउंसर को हुक करने के प्रयास में पार्थिव को कैच थमाया।