जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, वैसे-वैसे क्रिकेट फैंस की निगाहें आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल पर आ टिकी हैं। साउथम्पटन के मैदान पर 18 से 22 जून के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला न्यूजीलैंड और भारत के बीच खेला जाएगा। इस सबसे अहम मुकाबले और इंग्लैंड दौरे के लिए टीम इंडिया देर रात विराट कोहली की कप्तानी में इंग्लैंड रवाना हो गयी।
इंग्लैंड के लिए उड़ान भरने से पूर्व भारतीय टीम के हेड कोच रवि शास्त्री का एक ऐसा बयान सामने आया जो फिलहाल क्रिकेट के गलियारों में चर्चा का एक बड़ा विषय बना हुआ है। दरअसल, हेड कोच शास्त्री का ऐसा कहना है कि टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल बेस्ट ऑफ थ्री फॉर्मेट में खेला जाना चाहिए।
रवि शास्त्री ने बुधवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपने बयान में कहा,"मुझे लगता है कि अगर वे इस टेस्ट चैंपियनशिप को अपनाना चाहते हैं तो भविष्य में "बेस्ट ऑफ थ्री"; फाइनल आदर्श होगा। ढाई साल के क्रिकेट समापन के लिए तीन मैचों की श्रृंखला।"
डरना जरूरी है
शास्त्री के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर कई फैंस और कई क्रिकेट एक्सपर्ट्स के ऐसे बयान सामने आए कि हो न हो अब रवि शास्त्री और टीम इंडिया के अंदर पहले से ही हार का डर बना हुआ है। ऐसा डर जायज भी है...
ये बात किसी से भी छिपी नहीं है कि टीम इंडिया का इतिहास किसी भी सीरीज के पहले मैच में ज्यादा बेहतर देखने को नहीं मिलता। अब ज्यादा दूर क्यों जाना, ऑस्ट्रेलिया के दौरे और इंग्लैंड के भारत दौरे को ही ले लीजिए। दोनों सीरीज के पहले मैच में भारत को हार का सामना करना पड़ा और इंग्लैंड की कंडीशन तो टीम इंडिया को पहले से ही कुछ खास रास नहीं आती है, तो शास्त्री का बयान भी मायने रखता है।
रवि शास्त्री की बात में दम तो है
वैसे अगर दूसरे नजरिए से देखा जाए, तो रवि शास्त्री की बात में दम तो है। भई आप फाइनल तक पहुंचने के लिए दो सालों तक कड़ी मेहनत करें और फाइनल का परिणाम सिर्फ एक ही मैच से सामने निकलकर आ जाए तो हारने वाली टीम को बुरा तो लगेगा ही।
ऑस्ट्रेलिया में खेली जाने वाली त्रिकोणीय श्रृंखला को ही ले लीजिए। जब-जब ऑस्ट्रेलिया के मैदानों पर ट्राई सीरीज का आयोजन किया जाता है तब-तब बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल के जरिए विजेता सामने निकलकर आता है और ये तो आईसीसी का इवेंट है तो इसमें तो बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल पर, आने वाले समय में विचार किया जा सकता है।