इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज का आगाज हो गया है। दोनों टीमों के बीच श्रृंखला का
पहला मुकाबला लॉर्ड्स के ऐतिहासिक क्रिकेट स्टेडियम में खेला जा रहा है। इस टेस्ट सीरीज के बाद 18 से 22 जून के बीच साउथम्प्टन के मैदान पर आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा।
इस बात में कोई शक नहीं है डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले कीवी टीम को तैयारियों करने और इंग्लैंड के
परिस्तिथियों में खुद को ढालने का एक शानदार मौका मिलेंगा। क्रिकेट के कई जानकारों ने तो पहले से ही
न्यूजीलैंड को फाइनल के लिए जीत का दावेदार तक बता दिया है।
वैसे अगर इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच जारी पहले टेस्ट मैच की बात करें तो उसके देखकर टीम इंडिया जरुर खुश होगी। अरे खुश तो बनता भी है.... दरअसल, यह बात सभी जानते हैं कि इंग्लैंड की कंडीशन में क्रिकेट खेलना सबसे बड़ी चुनैती मानी जाती है, लेकिन कीवी टीम ने पहले टेस्ट के पहले दिन अपने दमदार प्रदर्शन से यह दिखा दिया कि वो इंग्लैंड की सीरीज और टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए पूरी तरह से तैयार है।
न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड के पहले लॉर्ड्स टेस्ट के पहले दिन के खेल में 246/3 का स्कोर बनाया था। भारतीय टीम के
नजरिए से अच्छी बात ये है कि जब न्यूजीलैंड टीम के कम अनुभवी खिलाड़ी (कप्तान केन विलियमसन और रॉs
टेलर को छोड़) अच्छा खेल दिखा सकते है और रन बना सकते हैं तो टीम इंडिया क्यों नहीं।
सूत्रों के हवाले से तो यह भी खबर है कि जब टीम इंडिया मुंबई से लंदन रवाना होने वाली थी और इंग्लैंड न्यूजीलैंड का मैच शुरु हो गया था तो विराट और रवि शास्त्री में कुछ बातचीत हुई थी। शास्त्री ने विराट को बताया पहले टेस्ट के पहले दिन पर न्यूजीलैंड का स्कोर 72-1 है तो विराह कोहली ने कहा यह तो अच्छी बात है।
यह बात सभी बहुत अच्छे से जानते हैं कि इंग्लैंड के पिछले दोनों दौरों पर टीम इंडिया के बल्लेबाजों ने काफी
निराश किया है। साल 2014 के बात करें तो उस श्रृंखला में सलामी बल्लेबाज मुरली विजय (402) और कप्तान
महेंद्र सिंह धोनी (349) को छोड़ बाकी सभी खिलाड़ी विराट कोहली सहित बहुत ही खराब फॉर्म में नजर आए थे।
कोहली (134), अजिंक्य रहाणे (299) और चेतेश्वर पुजारा (222) ज्यादा कुछ प्रभाव नहीं छोड़ सके थे।
वहीँ साल 2018 के दौरे की बात करें तो कप्तान विराट कोहली (593) को छोड़ टीम के बाकी बल्लेबाज सिर्फ हाथ
मलते नजर आए थे। केएल राहुल (299), चेतेश्वर पुजारा (278) और अजिंक्य रहाणे (257) ने जादा प्रभावित नहीं
किया था।
2014 और 2018 की सीरीज के आंकड़े यह साफतौर पर दर्शाते है कि इक्का-दुक्का पारियों को छोड़ दिया जाए तो टीम इंडिया के खिलाड़ी अधिकांश रन बनाने के लिए तरसते नजर आए थे।
अब न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन भारतीय खिलाड़ियों को अच्छा करने के लिए जरुर प्रेरित किया होगा। याद दिला दें कि टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के बाद टीम इंडिया को इंग्लैंड के खिलाफ चार अगस्त से पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला भी खेलनी है।