नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच बन गए का मानना है कि कप्तान ही टीम का बॉस है और कोच तथा अन्य स्टाफ तो उसे सपोर्ट करने के लिए होता है। कुंबले के समय में कप्तान और कई खिलाड़ियों की यह शिकायत थी कि कुंबले हेडमास्टर जैसा व्यवहार करते हैं।
शास्त्री का मानना है कि कोच का काम यह सुनिश्चित करना है कि खिलाड़ी सकारात्मक सोच में रहे। शास्त्री इससे पहले टीम के निदेशक रह चुके हैं और उन्होंने अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद यह पद संभाला है। कुंबले के समय में कप्तान और कई खिलाड़ियों की यह शिकायत थी कि कुंबले हेडमास्टर जैसा व्यवहार करते हैं।
लेकिन शास्त्री का अंदाज इससे जुदा है और उनका सीधा मानना है कि कप्तान सर्वोपरि होता है और टीम हमेशा कप्तान की होती है। उन्होंने कहा, टीम हमेशा कप्तान की होती है और वही फैसले लेता है। कोच का काम पृष्ठभूमि में रहना होता है और खिलाड़ियों को अपनी जिम्मेदारी संभालने के लिए छोड़ देना होता है।
शास्त्री ने कहा कि कोच और अन्य सपोर्ट स्टाफ का काम खिलाड़ियों को सकारात्मक सोच में रखना होता है, ताकि वे मैदान पर अपना काम कर सकें। उन्होंने कहा, मैं अपना काम वहीं से शुरू करूंगा जहां छोड़कर गया था। (भाषा)