धर्मशाला। छोटे प्रारूपों में भारतीय टीम के ट्रंपकार्ड में से एक रहे हरफनमौला रवींद्र जडेजा ने मौजूदा टेस्ट श्रृंखला में अपने प्रदर्शन पर संतोष जताते हुए कहा कि इससे उन्हें आत्मविश्वास और संतुष्टि मिली है कि वह पांच दिनी प्रारूप में भी अच्छा खेल सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 25 विकेट लेने के साथ दो अर्धशतक जमा चुके जडेजा ने कहा कि उनका कंधा ‘आटो मोड’ पर है। उन्होंने तीसरे दिन के खेल के बाद कहा, टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करके संतोष मिला। मैंने वनडे में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन इस साल टेस्ट में भी प्रदर्शन अच्छा रहा। इससे मुझे संतोष मिला है कि मैं दोनों प्रारूप में अच्छा खेल सकता हूं।
उन्होंने कहा, मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है और अब मैं पांच दिनी प्रारूप में भी अच्छा खेल सकता हूं। यह कंधा आटो मोड में चला गया है और सब कुछ अपने आप हो रहा है। उन्होंने खुशी जताई कि टेस्ट मैच में दबाव के हालात में वह अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रहे हैं।
उन्होंने कहा, सुबह स्थिति कठिन थी क्योंकि विकेट में उछाल और सीम थी। उनके तेज गेंदबाज 140 की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे थे। मैंने टेस्ट क्रिकेट में ऐसी स्थितियां देखी हैं लेकिन आज पता चला कि जब लोग टेस्ट क्रिकेट की चुनौतियों की बात करते हैं तो उनका क्या मतलब होता है।
'मैन ऑफ द सीरीज पुरस्कार' के प्रबल दावेदार जडेजा ने कहा कि उनके लिए साथी खिलाड़ी और पूर्व खिलाड़ियों से मिली दाद अधिक कीमती है। उन्होंने कहा, यह सुनकर अच्छा लगता है जब लोग कहते हैं कि मैं टीम के जिम्मेदार खिलाड़ियों में से एक हूं। ऐसा खिलाड़ी जो खेल के सभी विभागों में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है।
उन्होंने कहा, यदि कोई कड़ी मेहनत करता है तो वह इसीलिए करता है। मेरे लिए पुरस्कार से ज्यादा अहम टीम की जीत में सूत्रधार कली भूमिका निभाना है। जडेजा ने स्वीकार किया कि 32 रन की बढ़त काफी अहम रही क्योंकि इससे गेंदबाजों को खुलकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर आक्रमण करने का मौका मिला।
उन्होंने कहा, कई बार 32 रन की बढ़त भी काफी होती है। पिच में असमान उछाल और गेंद को मिल रही स्विंग को देखते हुए यह काफी अहम है। इससे गेंदबाजों को दबाव बनाने और बिंदास खेलने का मौका मिला। (भाषा)