ENGvsIND बर्मिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन रवींद्र जडेजा ने बीसीसीआई की नई मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का उल्लंघन किया। ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद बीसीसीआई ने आदेश दिया था कि कोई भी खिलाड़ी अकेले मैदान पर नहीं जाएगा और न ही मैदान से आएगा, बल्कि वे सभी टीम बस में एक साथ आएंगे। जडेजा ने गुरुवार को ऐसा नहीं किया।
लेकिन किसी सजा की उम्मीद नहीं है क्योंकि जडेजा ने एसओपी तोड़कर जल्दी आने का फैसला किया ताकि वह अपनी पारी को फिर से शुरू करने से पहले कुछ अतिरिक्त गेंदें खेल सकें। उन्हें पता था कि भारत लीड्स में दो बार ढह चुका है और इस बार उन्होंने सपाट पिच पर भारत को 211/5 से बचाने का आधा काम कर दिया था। भारत के लिए फिर से कम स्कोर पर आउट होना कोई जोखिम नहीं था।
जडेजा 41 रन दोबारा अपनी पारी की शुरुआत की, शुभमन गिल के साथ उनकी साझेदारी 99 रन की थी, लेकिन नई गेंद का ख़तरा बना हुआ था। जडेजा ने कहा, ''कहीं न कहीं मुझे लगा कि मुझे अतिरिक्त बल्लेबाजी करनी चाहिए क्योंकि गेंद अभी भी नई थी। मुझे लगा कि अगर मैं नई गेंद को देख पाऊं, तो बाकी की पारी आसान हो जाएगी। सौभाग्य से मैं लंच तक बल्लेबाजी कर सका, और फिर वाॅशिंग्टन सुंदर ने भी शुभमन के साथ अच्छी बल्लेबाजी की। इंग्लैंड में आप जितनी अधिक बल्लेबाजी करते हैं, उतना ही बेहतर होता है क्योंकि आपको कभी नहीं लगता कि आप इंग्लैंड में सेट हैं। किसी भी समय गेंद स्विंग हो सकती है और आपका किनारा ले सकती है या आपको बोल्ड कर सकती है।''
जडेजा तेज गेंदबाज जोश टंग की एक बाउंसर पर 89 रन बनाकर आउट हो गए। उन्होंने गिल के साथ 203 रन जोड़कर भारत को 500 के पार पहुंचाने में मदद की।
जडेजा ने कहा, ''जब आप टीम के लिए बल्ले से योगदान देते हैं, तो बहुत अच्छा लगता है, लेकिन जब आप भारत से बाहर खेल रहे होते हैं और टीम को आपकी ज्यादा जरूरत होती है, तो अच्छा लगता है। 210 रन पर 5 विकेट गंवाने के बाद टीम को आगे ले जाने के लिए बड़ी साझेदारी करना एक चुनौती है। मैंने इसे एक चुनौती के रूप में लिया। अगर आप कप्तान के साथ बने रहते हैं और बड़ी साझेदारी करते हैं, तो यह आपको एक क्रिकेटर और बल्लेबाज के रूप में आत्मविश्वास देता है कि आने वाले मैचों में भी आप योगदान दे सकते हैं।''
जडेजा इंग्लैंड को परेशान करने में कभी पीछे नहीं रहते। फ्रंटफु़ट शॉट खेलने और सीधे पिच पर दौड़ने की उनकी आदत से इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स नाराज हो गए, जो जडेजा के खतरे वाले क्षेत्र से दूर रहने के बाद भी अंपायरों से बहस करते रहे।
जडेजा ने कहा, ''उन्हें लगा कि मैं अपने लिए रफ बना रहा हूं। तेज़ गेंदबाज वैसे भी ऐसा कर रहे थे। मुझे ऐसा करने की जरूरत नहीं है। वह बार-बार अंपायर से कह रहे थे कि मैं विकेट पर दौड़ रहा हूं। मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था। हो सकता है कि गलती से एक या दो बार ऐसा हुआ हो, लेकिन मेरा ऐसा करने का कोई इरादा नहीं था।''
भले ही भारत ने नई गेंद से तीन विकेट लिए हों, लेकिन यह पिच कुछ खुरदरी लग रही है। जडेजा ने कहा कि गेंदबाजी के लिए काफी अनुशासन और इन-आउट फील्ड की जरूरत होगी क्योंकि गेंद सीधी दिशा में नहीं जा रही थी। उन्होंने कहा कि भारत मैच के अंतिम परिणाम के बारे में नहीं सोच रहा था, बल्कि तीसरे दिन भी इसी तरह की ऊर्जा के साथ गेंदबाजी करना चाहता है।(एजेंसी)