Hanuman Chalisa

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

रोहित ने टी20 विश्व कप फाइनल मैच के भावनात्मक पलों को याद किया

Advertiesment
हमें फॉलो करें Rohit Virat

WD Sports Desk

, रविवार, 29 जून 2025 (18:15 IST)
रोहित शर्मा ने अपनी कप्तानी में भारत की टी20 विश्व कप जीत को याद करते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल मैच से पहले वह बहुत घबराए हुए थे और पूरी रात सो नहीं पाए थे। इस मैच का दबाव ऐसा था कि उन्हें लगा कि उनका पैर सुन्न हो गया है।
 
भारत पिछले साल 29 जून को टी20 विश्व कप चैंपियन बना था। इस जीत के साथ ही भारत ने विश्व कप खिताब के 13 साल के सूखे को खत्म किया था।
 
रोहित ने ‘जियो हॉटस्टार’ से कहा, ‘‘ 13 साल लंबा समय होता है। ज्यादातर लोगों का करियर भी 13 साल का नहीं होता। विश्व कप जीतने के लिए इतना लंबा इंतजार करना, मैंने अपना पिछला विश्व कप 2007 में जीता था। मेरे लिए यह इससे बड़ा और कुछ नहीं हो सकता था। मैं पूरी रात सो नहीं पाया। मैं सिर्फ विश्व कप के बारे में सोच रहा था। मैं घबराया हुआ था। मुझे अपने पैर महसूस नहीं हो रहे थे।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘ क्या मैं दबाव में था? मैं इसे जाहिर नहीं होने देना चाहता था लेकिन अंदर से काफी ‘नर्वस’ था। हमें सुबह साढ़े आठ या नौ बजे स्टेडियम के लिए निकलना था। मैं सुबह सात बजे ही जग गया था। मैं अपने रूम से मैदान को देख सकता था।’’

 
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे याद है कि मैं सोच रहा था, ‘दो घंटे बाद मैं मैदान पर रहूंगा और लगभग चार घंटे के बाद मैच का परिणाम लगभग तय हो जायेगा।’ ’’
 
भारतीय कप्तान ने आखिरी ओवर में सूर्यकुमार यादव द्वारा डेविड मिलर के शानदार कैच को फाइनल का निर्णायक क्षण करार दिया।
 
उन्होंने कहा, ‘‘ सूर्यकुमार के कैच के बाद अंपायरों ने इस पर फैसले के लिए तीसरे अंपायर की मदद मांगी। इस समय सभी की धड़कनें तेज हो गई थीं।’’
 
रोहित ने कहा, ‘‘ मैं उस समय लॉन्ग ऑफ पर सूर्यकुमार के ठीक सामने था और शुरुआत में मुझे लगा कि गेंद छह रन के लिए चली गयी है।’’
 
सूर्यकुमार ने बाउंड्री के पास क्षेत्ररक्षण करते समय सजगता दिखाते हुए शानदार कैच लपका। इस कैच से भारत की सात रन से जीत सुनिश्चित हुई।
 
रोहित ने कहा, ‘‘ मिलर ने जब शॉट मारा तब मुझे लगा कि अब दक्षिण अफ्रीका को पांच गेंद में 10 रन बनाने हैं लेकिन फिर मैंने देखा कि गेंद सूर्यकुमार के हाथों में चली गयी।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘ इस कैच को पकड़ना काफी मुश्किल था। उस कैच पकड़ने में बहुत मेहनत लगी होगी क्योंकि जब गेंद हवा में थी तो ऐसा लग रहा था कि वह आसानी से सीमा रेखा को पार कर जाएगी। शायद हवा ने गेंद को थोड़ा मैदान की ओर खींच लिया।’’
 
रोहित ने कहा कि जब तीसरे अंपायर कैच की जांच कर रहे थे तब उन्होंने सूर्याकुमार से इसके अच्छी तरह लपकने के बारे में पूछा जिस पर सूर्यकुमार ने कहा कि उन्हें लगता है कि उन्होंने कैच सही तरीके से पकड़ लिया है। स्क्रीन पर फैसला आने तक सबकी सांसें अटकी हुई थीं। तीसरे अंपायर ने कैच को वैध करार दिया, जिसके बाद दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी ढह गई।
 
दक्षिण अफ्रीका को आखिरी ओवर में 16 रन की जरूरत थी लेकिन टीम हार्दिक पंड्या के इस ओवर में केवल आठ रन ही बना पाई।
 
इससे पहले विराट कोहली की 59 गेंदों पर 76 रन की पारी से भारत ने खराब शुरुआत से उबरते हुए सात विकेट पर 176 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया था।  
 
केशव महाराज और कगिसो रबाडा ने रोहित, ऋषभ पंत और सूर्यकुमार को सस्ते में चलता कर दिया था जिसके बाद कोहली और अक्षर पटेल (31 गेंद में 47 रन) ने भारतीय पारी को संवारा।
 
पंड्या ने आखिरी ओवरों में तेजी से रन बनाने के साथ तीन अहम विकेट भी चटकाये।
 
रोहित ने कहा, ‘‘जब हमने शुरुआत में तीन विकेट जल्दी गंवा दिए तो ड्रेसिंग रूम में जाहिर तौर पर बहुत घबराहट थी। मैं सहज नहीं था। मैं सोच रहा था कि हमने उन्हें मैच पर पकड़ बनाने का मौका दे दिया। मेरे दिमाग में हालांकि हमेशा यह बात थी कि हमारे निचले मध्य क्रम ने टूर्नामेंट में ज्यादा बल्लेबाजी नहीं की थी लेकिन जब भी उन्हें मौका मिला उन्होंने प्रभाव डाला।’’
 
रोहित ने बाएं हाथ के स्पिनर अक्षर पटेल की उपयोगी पारी और कोहली के साथ उनकी 72 रनों की साझेदारी को याद किया। कोहली ने इसके बाद शिवम दुबे के साथ भी 57 रन की साझेदारी की।
 
रोहित ने कहा, ‘‘बहुत से लोग (अक्षर की) पारी के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन वह पारी मैच का रुख तय करने के मामले में काफी अहम थी। उस समय 31 गेंदों पर 47 रन बनाना बहुत, बहुत महत्वपूर्ण था।’’
 
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ हमें एक ऐसे खिलाड़ी की जरूरत थी जो टिककर खेले और विराट ने वो काम बखूबी किया। उनका आखिरी तब बल्लेबाजी करना टीम के लिए फायदेमंद रहा। इससे शिवम, अक्षर, हार्दिक को आक्रामक बल्लेबाजी करने का मौका मिल गया।’’
 
कोहली इस टूर्नामेंट में संघर्ष कर रहे थे लेकिन उन्होंने उस समय लय हासिल की जब टीम को सबसे ज्यादा जरूरत थी। वह फाइनल में ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुने गये थे।
 
रोहित ने भारतीय टीम के अपने इस साथी के बारे में कहा, ‘‘आप जानते हैं इतने लंबे समय तक भारत के लिए खेलने का अनुभव काम आया। क्रीज पर उनका डटे रहना काफी मददगार रहा। उसने एक शानदार पारी खेली थी।’’ (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भाला फेंक रैंकिंग में फिर शीर्ष पर नीरज चोपड़ा, इस खिलाड़ी को पछाड़ा