दुनिया में इस वक्त जितने भी क्रिकेटर मैदान में अपने बल्ले से जौहर दिखला रहे हैं, उनकी तुलना यदि आप रोहित शर्मा से करते हैं तो पाते हैं कि भारत का यह सूरमा बल्लेबाज उन सभी पर भारी पड़ता है। ब्रिस्टल में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे और निर्णायक टी-20 मैच में स्टेडियम में जमा कुछ हजार दर्शकों के अलावा टीवी पर जिन करोड़ों दर्शकों ने रोहित के नाबाद शतक को बनते देखा, वे सभी एक राय रखते हैं कि इस खिलाड़ी में क्रिकेट विधा के सभी शॉट्स खेलने की कूवत है।
रोहित शर्मा क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट (टी-20, वन-डे, टेस्ट) के स्थापित क्रिकेटर बनते जा रहे हैं और उनकी सबसे बड़ी खूबी यही है कि वे बहुत जल्दी पिच की तासीर को भांप लेते हैं और परिस्थिति के अनुरूप गेंदबाजों का भुर्ता बनाने लग जाते हैं। इंग्लैंड के गेंदबाजों क्रिस जॉर्डन, लिम प्लंकेट, डेविड विली, जैक बॉल की रोहित ने जो जमकर आरती उतारी वह देखने लायक थी।
8 जुलाई के दिन ब्रिस्टल के छोटे से मैदान पर रोहित के बल्ले से रनों का झरना फूट रहा था। रोहित ने अपना शतक 56 गेंदों पर 11 चौकों और पांच छक्कों से टी-20 का तीसरा शतक ठोंका। यानी रोहित के 100 रन में से 74 रन तो चौकों और छक्कों की मदद से बने। दो दिन पहले के नजारे को देखें तो महसूस होता है कि रोहित का बल्ला कैसे आग उगल रहा था जिसकी तपन से पूरा इंग्लिश क्रिकेट जल रहा था।
यही कारण है कि रोहित को तीन मैचों की टी-20 सीरीज में 'मैन ऑफ द मैच' के साथ ही साथ 'मैन ऑफ द सीरीज' भी घोषित किया गया। जब कुछ मैचों में रोहित नाकाम हो जाते हैं, तब आलोचक उनके टीम में रहने पर सवाल खड़े करने लगते हैं। ऐसे आलोचकों को करारा जवाब ब्रिस्टल में खेली गई उनकी पारी से मिल गया है।