मुंबई। भारतीय क्रिकेट जगत के दिग्गज सचिन तेंदुलकर मारुति-800 से लेकर 2.62 करोड़ रुपए की बीएमडब्ल्यू आई-8 हाइब्रिड कारें चला चुके हैं और अपने पास रख चुके हैं। क्रिकेट जगत के इस महान खिलाड़ी ने सरकार की 2030 तक पूर्ण इलेक्ट्रिक कारों की योजना का समर्थन किया है।
तेंदुलकर ने कहा कि यह मौजूदा पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि वह धरती को बचाए और आने वाली पीढ़ी को उसे बेहतर आकार में सौंपे। तेंदुलकर ने कहा कि पर्यावरणानुकूल वाहनों के लिए रास्ता लंबा होगा। सही मंशा के साथ किसी भी तरह की शुरुआत करना जल्दबाजी नहीं है।
उन्होंने कहा कि धरती को सही रखना हमारी जिम्मेदारी है और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जब हम अगली पीढ़ी को इसे सौंपें तो यह बेहतर आकार में हो। उनसे देश में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर वैकल्पिक ईंधन और पर्यावरणानुकूल आवाजाही के साधनों पर राय पूछी गई थी। सरकार की 2030 तक सभी कारों के बेड़े को पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक करने पहल का समर्थन करते हुए तेंदुलकर ने कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि दुनिया सही दिशा की ओर अग्रसर है। 'मास्टर ब्लास्टर' के नाम से प्रसिद्ध पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि पर्यावरणानुकूल वाहनों की ओर यात्रा टेस्ट मैच में लंबी पारी खेलने के समान है। यह एक लंबी प्रक्रिया है। रातोरात बदलाव नहीं होगा। रातोरात नतीजे नहीं मिलेंगे। हमें मंशा के साथ इसकी शुरुआत करनी होगी। जब तक हम सही दिशा में चलेंगे, नतीजे मिलेंगे।
तेंदुलकर खुद कारों का शौक रखते हैं तथा कहा कि एक सामान्य इंटरनल कम्बशन वाले इंजन से जो मिलता है वह इलेक्ट्रिक वाहनों से भी मिल सकता है। आई-8 हाइब्रिड चलाने के अपने अनुभव को याद करते हुए तेंदुलकर ने कहा कि इस कार की इलेक्ट्रिक मोटर भी अचानक तेजी के लिए सामान्य ताकतवर कारों की तरह रफ्तार पकड़ सकती है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि कई अनुभवी दिमाग इसका सही समाधान पाने की दिशा में काम रहे हैं। केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने इस साल अप्रैल में कहा था कि सरकार 2030 तक कारों के बेड़े को पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक करने की तैयारी कर रही है। इससे कच्चे तेल का आयात मूल्य कम होगा और वाहनों को चलाने की लागत भी घटेगी। नीति आयोग ने भी इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ाने के लिए वित्तीय और गैरवित्तीय प्रोत्साहनों की पेशकश की है। (भाषा)