बेंगलुरु। भारत के पूर्व विकेटकीपर सदानंद विश्वनाथ ने अंपायरिंग से संन्यास ले लिया है और अब वह नए घरेलू सत्र में मैच रेफरी बनना चाहते हैं।
सदानंद ने कहा 'हाल ही में मैंने अंपायरिंग से रिटायरमेंट लेने का पत्र कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को सौंप दिया है। मैंने कर्नाटक क्रिकेट संघ के सचिव से आग्रह किया है कि वह नए सत्र में मेरे नाम की मैच रेफरी के लिए बीसीसीआई को सिफारिश करें।'
भारत के लिए 1985 से 1988 तक तीन टेस्ट और 22 वनडे खेलने वाले कर्नाटक के 54 वर्षीय सदानंद ने कहा 'सचिव ने मेरे आग्रह पर सहमति जता दी है और वह सिफारिश का एक पत्र बीसीसीआई को लिखेंगे। मैं इस साल नवंबर में 55 वर्ष का हो रहा हूं जो बीसीसीआई द्वारा उन अंपायरों के लिए रिटायरमेंट की आयु सीमा है, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अंपायरिंग नहीं की है।'
सदानंद ने कहा 'मैंने अंपायरिंग से रिटायरमेंट ले लिया है और अब मैं मैच रेफरी बनना चाहता हूं ताकि मैं बीसीसीआई मैच रेफरी के रूप में खेल की सेवा कर सकूं। मैच रेफरी के रूप में आप 60 साल तक खेल की सेवा कर सकते हैं। इस बारे में कोई भी फैसला बीसीसीआई को करना है।'
देश के सबसे बेहतरीन विकेटकीपर सैयद किरमानी जब अपने करियर के अंतिम दौर में थे तो सदानंद उनके विकल्प के तौर पर सामने आए थे। वह सुनील गावस्कर की कप्तानी वाली उस टीम का हिस्सा थे, जिसने 1985 में ऑस्ट्रेलिया में बेंसन एंड हैजिस विश्व चैंपियनशिप में खिताब जीता था। वह उस वर्ष बाद में श्रीलंका दौरे पर भी गए थे। उनका अंतरराष्ट्रीय करियर संक्षिप्त रहा था।
सदानंद ने तीन टेस्टों में 31 रन बनाने के अलावा 11 शिकार किए थे जबकि 22 वनडे में 72 रन बनाने के अलावा 24 शिकार किए थे। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने 74 मैचों में 3158 रन बनाए और विकेट के पीछे 179 शिकार किए। उन्होंने 48 लिस्ट ए मैचों में 424 रन बनाने के अलावा 53 शिकार किए। (वार्ता)