सैम कोंस्टास को भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का सामना करने में उतनी परेशानी नहीं हुई जितनी अन्य बल्लेबाजों को , इसके लिए उनके पिता को श्रेय दिया जा सकता है जिन्होंने बचपन में ट्रेनिंग के दौरान एक छोटी सी गलती कर दी थी।
कोंस्टास ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया जिसकी चर्चा लंबे समय तक होती रहेगी क्योंकि उन्होंने बॉक्सिंग डे टेस्ट में 65 गेंद में 60 रन की शानदार पारी खेलकर अपनी प्रतिभा पर चल रही लोगों की चर्चा को सही साबित कर दिया।हालांकि इसके बाद उनका बल्ला अगली पारी में खामोश रहा और वह बुमराह के शिकार बने। लेकिन सिडनी टेस्ट की मुश्किल पिच पर भी उन्होंने 23-23 रनों का बहूमूल्य योगदान दिया।
कोंस्टास के रन जुटाने से कहीं ज्यादा नयी गेंद से विश्व स्तरीय गेंदबाज बुमराह का सामना करने की उनकी निडरता ने विशेषज्ञों को उनकी प्रशंसा करने पर मजबूर कर दिया।कोंस्टास के भाई बिली पेशे से फिजियोथेरेपिस्ट हैं। उन्होंने खुलासा किया कि कैसे उनके पिता की गलती ने उनके छोटे भाई को कम उम्र से ही तेज गेंदबाजी से निपटने में मदद की।
बिली ने Fox Cricket को बताया, हम बच्चे थे और पहली बार जब पिताजी हमें बॉलिंग मशीन के पास ले गए तो उन्होंने इसे 90 मील प्रति घंटे की रफ्तार पर रख दिया क्योंकि उन्हें लगा कि यह 90 किलोमीटर है।
उन्होंने कहा, पिताजी ने मशीन शुरू की और उसने गेंद पर सीधे शॉट मार दिया। मुझे लगता है कि पांच या छह साल की उम्र से यह हमेशा उसका सपना रहा है। यह पूरे परिवार के लिए एक सपने के सच होने जैसा है और मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं। बिली ने कहा, मैं पेशे से एक फिजियोथेरेपिस्ट हूं। मैंने उससे पूछा कि कल तुम कितने रन बनाओगे? तो उसने मुझसे कहा चिंता मत करो, मैं कुछ रन बनाऊंगा। वह बहुत शांत लग रहा था। कोंस्टास जहां मैदान पर सहज लग रहे थे, वहीं उनका परिवार बहुत नर्वस था।
नेथन मैक्सवीनी की जगह टीम में शामिल हुए कोंस्टास लंबे समय तक ऑस्ट्रेलिया के लिए सलामी बल्लेबाजी करेंगे ऐसा कहा जा सकता है। हालांकि स्पिन के खिलाफ वह कैसा खेल दिखाते हैं यह अभी देखने योग्य है।