बेंगलुरु। भारत के सहायक कोच संजय बांगड़ को लगता है कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरुआती दो टेस्ट में विराट कोहली की बल्ले से असफलताओं पर ज्यादा तवज्जो नहीं देनी चाहिए, क्योंकि इस सीरीज से पहले उन्होंने घरेलू सत्र में शानदार प्रदर्शन का लुत्फ उठाया है।
बांगड़ ने दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन स्टंप के बाद कहा कि विराट की बल्लेबाजी शानदार रही है। इसलिए हमें एक या दो असफलताओं पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए क्योंकि वह इतना सफल रहा है। विराट इस तरह का व्यक्ति है जो असफलताओं से सीख लेता है। यह उसकी महानता है।
आगामी मैचों में वह अच्छा प्रदर्शन करेगा। कोहली चौथी बार सस्ते में आउट हो गए, उन्होंने जोश हेजलवुड की गेंद पर दिए गए पगबाधा फैसले का रिव्यू भी लिया जो उनके खिलाफ रहा जिससे यह स्टार बल्लेबाज काफी निराश था।
बांगड़ ने कहा कि हम सभी काफी निराश थे। अगर कोई स्पष्ट सबूत होता तो यह बेहतर होता। विराट सचमुच काफी बेताब थे। वे बड़े खिलाड़ी हैं, वे हर हाल में सफल होना चाहते हैं, इसलिए जब वे सस्ते में आउट हुआ तो ड्रेसिंग रूम में इस तरह की प्रतिक्रिया बिलकुल सामान्य थी। डीआरएस रिव्यू में मैदानी अंपायर के फैसले को बरकरार रखा गया।
उन्होंने कहा कि हम अभी डीआरएस के मामले में नए हैं। नियमों में भी थोड़ा बदलाव किया गया है, इसलिए जो कुछ भी हो अंपायर का फैसला काफी अहम बन जाता है। बांगड़ ने कहा कि हम इस पर चर्चा के लिए नहीं बैठे हैं लेकिन हम खेले हुए ही सीख रहे हैं। यह प्रशासकों का निर्णय है कि विशेष तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं।
भारत ने दूसरी पारी में बल्लेबाजी में काफी सुधरा हुआ प्रदर्शन किया और ऑस्ट्रेलिया पर 126 रन की बढ़त हासिल की, उनके अभी छ: विकेट बाकी हैं। चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने पांचवें विकेट के लिए नाबाद 93 रन की साझेदारी निभाई जबकि टीम ने 120 रन के अंदर चार विकेट गंवा दिए थे।
बांगड़ ने बल्लेबाजों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि हमने बीते समय में कैसा प्रदर्शन किया और हमें किन क्षेत्रों में अनुकूलित होना चाहिए। बातचीत के बाद हमने हल निकाला। बल्लेबाजों ने सचमुच इन चीजों का इस्तेमाल किया और अपने पैरों का बखूबी इस्तेमाल किया। वे बैकफुट पर भी खेले, इसलिए उन्होंने पिछली तीन पारियों की तुलना में निश्चित रूप से अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किए। (भाषा)