पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर खिलाड़ियों पर तंज कसने के लिए जाने जाते हैं। पहले वनडे में भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया लेकिन कप्तान लोकेश राहुल ने उनसे जुबान से नहीं बल्कि मैदानी फैसले से चुप करा दिया।
दरअसल जिम्बाब्वे के खिलाफ पहले एकदिवसीय से पहले भारत के पास शीर्ष क्रम में काफी विकल्प थे और पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर का मानना था कि केएल राहुल के लिये सलामी बल्लेबाज के स्थान पर किसी न किसी को अपने स्थान की कुर्बानी देनी होगी।
राहुल अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इसी स्थान पर करते हैं। उन्होंने हर्निया की सर्जरी के बाद जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे श्रृंखला के लिये राष्ट्रीय टीम में वापसी की थी।
मांजरेकर ने स्पोर्ट्स 18 से कहा था, शिखर धवन पारी शुरू करेंगे। शुभमन गिल और रूतुराज गायकवाड़ दो अन्य खिलाड़ी हैं जो केएल राहुल को टक्कर देंगे और टीम प्रबंधन के पास विकल्प हैं। इसलिये यह किसी के लिये व्यक्तिगत कुर्बानी देने से जुड़ा होगा। हमने पिछले कुछ वर्षों में देखा है कि जब वह (केएल राहुल) पारी का आगाज करता है तो वह बड़े स्कोर बनाता है लेकिन वह पांचवें या छठे नंबर पर आता है तो निश्चित रूप से उसे यह मौका नहीं मिलता।
राहुल जिम्बाब्वे श्रृंखला में टीम की अगुआई कर रहे हैं क्योंकि नियमित कप्तान रोहित शर्मा को तीन मैचों की श्रृंखला के लिये आराम दिया गया है।
ईशान किशन भी सफेद गेंद के क्रिकेट में बतौर सलामी बल्लेबाज खेले और उन्हें भी सफलता मिली।मांजरेकर ने कहा था, इसलिये पारी का आगाज करने के लिये रूतुराज गायकवाड़ हैं, शुभमन गिल हैं, शिखर धवन हैं, केएल राहुल हैं और कुछ वाइल्ड कार्ड जैसे संजू सैमसन और ईशान किशन भी हैं।
उन्होंने कहा था, इसलिये अपनी पसंद चुनिये लेकिन केएल राहुल के दृष्टिकोण से देखें तो वह टी20 विश्व कप के अहम सदस्यों में से एक बनना चाहता है तो शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करने से उसे मैचों के लिये समय मिल जायेगा।
उनका यह भी मानना था कि शुभमन सीमित ओवर के क्रिकेट में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी कर सकता है जबकि लंबे प्रारूप में उसे निचले क्रम में आजमाया जा सकता है।मांजरेकर ने कहा था, शुभमन गिल ऐसा खिलाड़ी है जिसे भारत टेस्ट क्रिकेट में निचले स्थान पर बल्लेबाजी करवाने के बारे में सोच सकता है।
राहुल नहीं उतरे सलामी बल्लेबाजी पर
कप्तान केएल राहुल ने वेस्टइंडीज में चली आ रही सलामी जोड़ी शिखर धवन और शुभमन गिल की जोड़ी को ही कायम रखा और खुद को चौथे स्थान पर रख लिया।राहुल की अनुपस्थिति में शुभमन गिल ने शीर्ष क्रम में अच्छा प्रदर्शन करते हुए पिछली वनडे श्रृंखला में वेस्टइंडीज के खिलाफ 64, 43 और 98 रन बनाये।
इससे यह साबित हुआ कि वह टीम के हित के लिए खुद के बल्लेबाजी क्रम में छेड़छाड़ कर सकते हैं। ऐसे में संयज मांजरेकर की सारी अटकलें धरी की धरी रह गई।
190 रन के न्यून लक्ष्य को हासिल करने उतरी भारत को जीत दिलाने के लिये शुभमन गिल और शिखर धवन ही काफी थे। दोनों सलामी बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिये 192 रन की विशाल साझेदारी की और भारत को 10 विकेट से जीत दिलायी। गिल ने 72 गेंदों पर एक छक्के और 10 चौकों की बदौलत नाबाद 82 रन बनाये, जबकि धवन ने 113 गेंदों पर नौ चौकों की मदद से नाबाद 81 रन की पारी खेली।
यह 10 विकेट की जीत में पहले विकेट के लिये भारत की दूसरी सबसे बड़ी एकदिवसीय साझेदारी है। इससे पहले सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने 1998 के कोका कोला कप फाइनल में जिम्बाब्वे के खिलाफ ही 197 रन की नाबाद साझेदारी कर भारत को 10 विकेट से विजय दिलायी थी। भारत अब जिम्बाब्वे के खिलाफ लगातार 13 मुकाबले जीत चुका है, जो एक प्रतिद्वंदी के खिलाफ भारत की सर्वाधिक लगातार जीत हैं।
यह बतौर कप्तान केएल राहुल की पहली जीत है। इससे पहले वह एक टेस्ट और तीन एकदिवसीय मुकाबलों में भारत की कप्तानी कर चुके थे, लेकिन जीत उनके हाथ नहीं लगी थी।अब राहुल शनिवार, 20 अगस्त को अपनी टीम के साथ दूसरे एकदिवसीय मैच में जिम्बाब्वे का सामना करेंगे।