क्रिकेट जगत में आज का दिन बहुत ही खास है। दरअसल, आज ही के दिन पूरे 28 साल पहले ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने एक ऐसी गेंद फेंकी थी, जिसे बॉल ऑफ द सेंचुरी का नाम दिया गया। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 जून, 1993 को मैनचेस्टर के मैदान पर एशेज सीरीज का पहला टेस्ट खेला गया था और इसी टेस्ट मैच में वॉर्न ने इंग्लैंड के माइक गेटिंग को एक लेग ब्रेक गेंद फेंकी थी।
कहने को तो वॉर्न ने सिर्फ एक लेग ब्रेक गेंद ही डाली थी, लेकिन वॉर्न कि स्पिन कराने की कला, पिच की नमी और एक तरफ गेंद की शानदार शाइन ने कुछ ऐसा कमाल कर दिखाया कि गेंद ने लेग स्टंप पर टप्पा खाया और गेटिंग का ऑफ स्टंप उड़ा दिया।
क्रिकेट इतिहास के महान गेंदबाजों में शुमार शेन वॉर्न की वह गेंद लगभग 90 डिग्री के कोण से घूमी थी, जिसे देखकर सभी दंग रह गए थे। कमेंटेटर्स, मैदान पर मौजूद और टीवी पर देख रहे दर्शकों के साथ-साथ स्वयं दोनों टीमों के खिलाड़ी भी इस गेंद के बाद मानों हैरान रह गए थे। बाद में इस गेंद को सदी की सबसे महान गेंद का खिताब भी दिया गया था।
इस मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 179 रनों से जीता था और पूरे मुकाबले में वॉर्न दोनों पारियों में कुल मिलाकर आठ विकेट लेने में सफल रहे थे और अंत में उनको प्लेयर ऑफ द मैच के अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।
आज शेन वॉर्न की बॉल ऑफ द सेंचुरी को पूरे 28 साल हो गए हैं लेकिन जब-जब कोई भी फैन इस वीडियो को देखता है तो वाकई में पुराने दिनों में खो जाता है। आईसीसी ने बॉल ऑफ द सेंचुरी के 28 वर्ष पूरा होने पर अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें शेन वॉर्न ने उस रहस्मई गेंद के पीछे की कहानी बताई।
वॉर्न ने एक वीडियो में कहा, वह गेंद सिर्फ एक तुक्का थी। वाकई, मैंने क्रिया में दोबारा कभी वैसा नहीं किया। शायद वो होना लिखा था। कोई भी लेग स्पिनर हमेशा एक शानदार लेग स्पिन डालना चाहता है लें उस गेंद ने मेरी दुनिया बदल दी। मैदान के अंदर ही नहीं मैदान के बाहर भी मेरी दुनिया काफ्फी बदल गयी। वो एक शानदार पल इसलिए भी था क्योंकि माइक गेटिंग इंग्लैंड के उन बल्लेबाजों में से थे जो स्पिनर्स को बेहतरीन तरह से खेलने की काबिलियत रखते थे।(वेबदुनिया डेस्क)