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शुभमन गिल की कमजोर कप्तानी से इंग्लैंड ने मैच पर बनाया कब्जा

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WD Sports Desk

, शनिवार, 26 जुलाई 2025 (10:50 IST)
IND vs ENG 4th Test : युवा कप्तान शुभमन गिल (Shubman Gill) की कप्तानी में भारतीय टीम पूरी तरह बिखरी नजर आई। ना गेंदबाजी में आक्रामकता थी, ना फील्ड प्लेसमेंट में सोच। इंग्लैंड ने इस कमजोर रणनीति का भरपूर फायदा उठाया और जो रूट ने इसे अपने करियर की एक और ऐतिहासिक पारी में बदल दिया। रूट ने 248 गेंदों में 150 रन ठोकते हुए एक नहीं, कई बड़े रिकॉर्ड्स अपने नाम किए। इसी पारी के दौरान उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में राहुल द्रविड़, जैक कैलिस और रिकी पोंटिंग जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया और अब सिर्फ सचिन तेंदुलकर से पीछे हैं।
 
भारत की पहली पारी 358 रन पर सिमटी, जिसके जवाब में इंग्लैंड ने तीसरे दिन स्टंप्स तक 7 विकेट पर 544 रन बना लिए और 186 रनों की बढ़त ले ली। रूट की इस पारी में ओली पोप और स्टोक्स ने भी बढ़िया साथ निभाया, लेकिन भारतीय गेंदबाज गिल की कप्तानी में लगातार दिशा हीन नजर आए।

बुमराह थके-थके नजर आए, सिराज भी जूझते रह गए और गिल के बॉलिंग चेंज भी असर छोड़ने में नाकाम रहे।
 
जो रूट की इस पारी ने सिर्फ इंग्लैंड को मजबूत किया नहीं, बल्कि शुभमन गिल की कप्तानी पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
 
 
भारतीय गेंदबाजों के लिए मैच के दूसरे दिन का पहला सेशन काफी निराशाजनक रहा। इंग्लैंड के बल्लेबाज़ रूट और पोप ने कोई मौका नहीं दिया और टीम को मज़बूत स्थिति में पहुंचा दिया। लेकिन दूसरे सत्र की शुरुआत में वाशिंगटन सुंदर ने दो अहम विकेट लेकर भारत को राहत दी।
 
सुंदर ने पहले पोप को स्लिप में लोकेश राहुल के हाथों कैच आउट करवाया और फिर हैरी ब्रुक को स्टंप करवा कर पवेलियन भेजा। इससे रूट-पोप की 144 रन की साझेदारी भी टूट गई।
 
रूट ने इसके बाद अंशुल कंबोज की गेंद पर चौका मारकर अपना 38वां टेस्ट शतक पूरा किया और फिर रिकी पोंटिंग के टेस्ट रनों को पीछे छोड़ दिया।
 
हालांकि, भारत के लिए बुरी खबर ये रही कि जसप्रीत बुमराह मैदान से बाहर चले गए और वापसी के बाद तुरंत गेंदबाजी नहीं कर सके, क्योंकि नियमों के अनुसार उन्हें मैदान पर पहले कुछ समय बिताना था।
 
दिन की शुरुआत इंग्लैंड ने 2 विकेट पर 225 रन से की थी और पहले सत्र में स्कोर 332 तक पहुंचा दिया। भारतीय गेंदबाज़ों ने दबाव बनाने की कोशिश की लेकिन रूट और पोप ने उन्हें हावी नहीं होने दिया।
 
कंबोज ने एक मौका जरूर बनाया लेकिन विकेट के पीछे ध्रुव जुरेल कैच नहीं पकड़ सके। वहीं रविंद्र जडेजा का थ्रो भी चूक गया जिससे रूट को जीवनदान मिला। बुमराह की अगुवाई वाली गेंदबाज़ी यूनिट में धार की कमी दिखी।

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