Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

स्मृति मंधाना ने रचा इतिहास, डे नाइट टेस्ट में शतक जड़ने वाली बनी पहली भारतीय महिला बल्लेबाज

हमें फॉलो करें स्मृति मंधाना ने रचा इतिहास, डे नाइट टेस्ट में शतक जड़ने वाली बनी पहली भारतीय महिला बल्लेबाज
, शुक्रवार, 1 अक्टूबर 2021 (10:58 IST)
स्मृति मंधाना ने अपने रात्रि के स्कोर में 20 रन और जोड़कर इतिहास रच दिया। ना केवल यह टेस्ट शतक उनका पहला टेस्ट शतक था बल्कि गुलाबी गेंद से दिन रात्रि टेस्ट में शतक जड़ने वाली वह पहली भारतीय महिला बल्लेबाज बनी। 170 गेंदो में उन्होंने यह शतक चौका लगाकर पूरा किया।उन्होंने एलिसे पैरी को 52वें ओवर में पूल शॉट लगाकर अपना शतक पूरा किया।इसके साथ ही आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर पारंपरिक स्वरूप में तिहरे अंक तक पहुंचने वाली पहली भारतीय बन गई। इससे पहले पहले दिन स्मृति मंधाना (नाबाद 80) ने स्क्वेयर ड्राइव और पुल शॉट्स से पहला दिन किया मेहमान टीम भारत के नाम किया था।दूसरे दिन की शुरुआत में ही उनको एक जीवनदान मिला जब पैरी की गेंद पर वह मूनी को कैच दे बैठी थी लेकिन तीसरे अंपायर ने इसे नो बॉल करार दिया।स्मृति मंधाना ने 216 गेंदो में शानदार 127 रनों की पारी खेली । इस पारी में उन्होंने 22 चौके और 1 छक्का लगाया। उनको गार्डनर ने मेग्राथ के हाथों कैच आउट करवाया।

उन्होंने पूनम राउत के साथ दूसरे विकेट के लिये 102 रन जोड़े जो आस्ट्रेलिया में रिकॉर्ड है । इससे पहले उन्होंने शेफाली वर्मा के साथ पहले विकेट की साझेदारी में 93 रन बनाये थे।राउत विकेट के पीछे कैच देकर लौटी। डिनर के समय कप्तान मिताली राज 15 रन बनाकर खेल रही थीं।
सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने पहला टेस्ट शतक लगाने के साथ कई रिकॉर्ड अपने नाम किये जबकि उनकी इस पारी की मदद से भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ दिन रात के टेस्ट के दूसरे दिन शुक्रवार को पहले सत्र में तीन विकेट पर 231 रन बना लिये।डिनर ब्रेक के समय भारत की स्थिति काफी मजबूत थी जिसने एक विकेट पर 132 रन से आगे खेलना शुरू किया था।दूसरे दिन का खेल आज से आधे घंटे पहले भारतीय समयानुसार सुबह 9.30 बजे से शुरू हुआ।

पिछले तीन महीनों से किट बैग में गुलाबी गेंद लेकर चल रही थी, पता नहीं क्यों : मंधाना

भारतीय महिला टीम की सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने दिन रात्रि टेस्ट क्रिकेट मैच में उपयोग की जाने वाली गुलाबी गेंद से अच्छी तरह परिचित होने के लिये पिछले तीन महीनों से ऐसी गेंद अपने किट बैग में लेकर चल रही थी।

गुलाबी गेंद से उन्हें अभ्यास का तो अधिक मौका नहीं मिला लेकिन उससे परिचय का फायदा जरूर मिला था। उन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक दिन रात्रि टेस्ट क्रिकेट मैच के बारिश से प्रभावित पहले दिन नाबाद 80 रन बनाये थे  और अगले दिन एक जीवनदान मिलने के बाद उन्होंने इस पारी को शतक में तब्दील कर दिया।
webdunia

मंधाना ने पहले दिन का खेल समाप्त होने के बाद संवाददाताओं से कहा था, ‘‘हमने केवल दो सत्र में गुलाबी गेंद से अभ्यास किया। मैं हंड्रेड (इंग्लैंड) में खेलकर आयी थी और मुझे गुलाबी गेंद से खेलने का अधिक मौका नहीं मिला था लेकिन हंड्रेड के दौरान मैंने गुलाबी कूकाबूरा गेंद मंगायी। मैंने उसे अपने कमरे में रखा क्योंकि मैं जानती थी कि हम दिन रात्रि टेस्ट मैच में खेलेंगे और इसलिए मैं गेंद देखकर उसे समझना चाहती थी। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने वास्तव में इससे बल्लेबाजी नहीं की। मैंने केवल दो सत्र में इससे बल्लेबाजी की लेकिन पिछले ढाई-तीन महीने से गुलाबी गेंद मेरे किट बैग में थी। मैं नहीं जानती कि मैंने उसे क्यों रखा हुआ था। मुझे अभ्यास के लिये समय मिलने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। ’’

गुलाबी गेंद से खेले जा रहे टेस्ट मैच की तैयारियों के बारे में मंधाना ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हमें इसको लेकर काम करने का अधिक समय मिला। हम केवल कोशिश कर रहे हैं। बाहर बैठे लोगों ने मेरा दिन भर उत्साह बनाये रखा। उससे मदद मिली।’’

भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा था कि उन्होंने केवल गेंद का अच्छी तरह से आकलन करके अपने शॉट खेले।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्कोर बोर्ड नहीं देखना चाहती थी तथा मैंने खुले मन से खेलने का प्रयास किया। गेंद का आकलन करके उसे उसी हिसाब से खेला। मैंने वास्तव में कोई रणनीति नहीं बनायी थी। ’’
webdunia

मंधाना शतक के बारे में भी नहीं सोच रही थी। वह केवल क्रीज पर टिके रहने और टीम को मजबूत स्कोर तक पहुंचाने में मदद करने पर ध्यान दे रही थी।लेकिन आज न केवल उन्होंने शतक जड़ा बल्कि कई रिकॉर्ड्स भी अपने नाम किए।

उन्होंने कहा था, ‘‘अभी मैं शतक के बारे में नहीं सोच रही हूं। टीम के लिये अभी जरूरी है कि मैं क्रीज पर टिकी रहूं। मेरा ध्यान केवल गेंद पर उसे अच्छी तरह से खेलने पर है।’’

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

मैच प्रिव्य: कोलकाता के लिए प्लेऑफ में पहुंचने का अवसर, पंजाब बनना चाहेगी रोड़ा