नई दिल्ली: भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का मेंटॉर नियुक्त किया है। धोनी को मेंटॉर बनाने के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने धोनी का शुक्रिया अदा किया।
गांगुली ने कहा कि धोनी का अपार अनुभव भारतीय टीम के काम आएगा और वो टीम इंडिया की मदद के लिए पूरी तरह तैयार हैं।बीसीसीआई ने बुधवार को यह घोषणा कर सभी को हैरान कर दिया कि धोनी 17 अक्टूबर से यूएई और ओमान में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के लिये भारतीय टीम के मेंटॉर होंगे।
गांगुली ने बीसीसीआई के एक ट्वीट में कहा, धोनी को टीम में शामिल करना टी20 विश्व कप के लिये उनके अपार अनुभव का इस्तेमाल करने का तरीका है। मैं धोनी का शुक्रिया करता हूं कि उन्होंने इस टूर्नामेंट के लिये टीम की मदद के लिये बीसीसीआई की पेशकश स्वीकार कर ली।
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे सफल कप्तानों में शुमार विकेटकीपर बल्लेबाज धोनी की अगुवाई में भारत ने दो विश्व कप खिताब – दक्षिण अफ्रीका में 2007 टी20 विश्व कप और भारत में 2011 वनडे विश्व कप – जीते हैं। इसके अलावा धोनी ने 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती थी। धोनी इस समय अपनी इंडियन प्रीमियर लीग टीम चेन्नई सुपर किंग्स के साथ हैं और यूएई में 19 सितंबर से फिर से शुरू होने वाली टी20 लीग की तैयारियों में जुटे हैं।
धोनी को मेंटॉर बनाने पर विवाद
वैसे एमएस धोनी को टीम इंडिया का मेंटॉर बनाने पर विवाद भी हो गया है। बीसीसीआई की शीर्ष परिषद को गुरुवार को धोनी की मेंटॉर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ एक शिकायत मिली है जिसमें लोढा समिति की सिफारिशों के हितों के टकराव के नियमों का हवाला दिया गया है। मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के पूर्व आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने शीर्ष परिषद के सदस्यों को एक पत्र भेजा है कि धोनी की नियुक्ति हितों के टकराव के नियमों का उल्लघंन है जिसमें एक व्यक्ति दो पदों पर काबिज नहीं हो सकता।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, हां, गुप्ता ने शीर्ष परिषद के सदस्यों को एक पत्र भेजा है जिसमें सौरव गांगुली और जय शाह शामिल हैं। उन्होंने बीसीसीआई के संविधान की धारा 38 (4) का हवाला दिया है जिसके अनुसार एक व्यक्ति दो अलग अलग पदों पर काम नहीं कर सकता। शीर्ष परिषद को इसके प्रभावों की जांच के लिये अपनी कानूनी टीम से परामर्श की जरूरत होगी। धोनी एक तरफ टीम के खिलाड़ी हैं और दूसरी ओर राष्ट्रीय टीम के मेंटॉर भी होंगे जिससे सवाल उठते हैं और इसके लिये स्पष्टता की जरूरत है।
सौरव गांगुली अब भी मानते हैं कि महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट को काफी कुछ दे सकते हैं। जब सौरव गांगुली कप्तान थे तो उन्होंने ही विकेटकीपर के तौर पर महेंद्र सिंह धोनी को मौका दिया था। उन्होंने दिनेश कार्तिक के ऊपर महेंद्र सिंह धोनी को तरजीह दी थी और भारतीय क्रिकेट का भविष्य बदल दिया था।