नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारतीय खिलाड़ियों के फिटनेस मानकों को बढ़ाने और उन्हें वैश्विक मानकों के करीब लाने के प्रयास के तहत उनके यो-यो टेस्ट लेवल को 16:1 से बढ़ाकर 17:1 कर दिया है।
बीसीसीआई ने इसके अलावा अपनी प्रणाली में एक नए फिटनेस मानक को जोड़ा है, जो मौजूदा समय में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीमों के फिटनेस टेस्ट का सामान्य हिस्सा बन गया है। इसके तहत खिलाड़ियों को टाइम ट्रायल के तहत दो किलोमीटर तक दौड़ लगानी होगी। बीसीसीआई ने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के साथ मिलकर बनाए इन दो नए टेस्ट में से एक को पार करना अनिवार्य किया है। यो-यो टेस्ट के तहत जहां खिलाड़ियों को धीरे-धीरे गति बढ़ाते हुए 20 मीटर का चक्कर लगाना होगा तो वहीं दूसरे टेस्ट में तेज गेंदबाजों को 8.15 मिनट जबकि अन्य खिलाड़ियों को 8.30 मिनट पर दाे किलोमीटर दौड़ पूरी करनी होगी।
बीसीसीआई ने हाल ही में एनसीए को फिटनेस टेस्ट के लिए 25 खिलाड़ियों की सूची भेजी थी। इसके तहत आठ फरवरी को शिखर धवन , युजवेंद्र चहल, संजू सैमसन, सूर्यकुमार यादव, मंदीप सिंह, जयदेव उनादकट, सिद्धार्थ कौल, इशान किशन, नीतीश राणा, देवदत्त पाडिकल और राहुल तेवतिया का फिटनेस टेस्ट किया गया था। कई खिलाड़ी टेस्ट पास करने में असफल रहे थे, हालांकि गुरुवार को दोबारा हुए टेस्ट में वे पास हो गए थे।
वर्ष 2015 में यो-यो टेस्ट की शुरुआत के वक्त भारतीय टीम के स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच रहे बासु शंकर ने दो किलोमीटर दौड़ के नए फिटनेस मानक का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ''यह एक अच्छा टेस्ट है, इससे आप एक एथलीट और सामान्य फिटनस स्तर की वास्तविक स्थिति का आकलन कर सकते हैं। यह आपको अपने एरोबिक फिटनेस और अपनी वास्तविक स्थिति के बारे में बताएगा। जिम जाने वाले खिलाड़ी अगर 10 किलाेमीटर की गति से दो किलोमीटर की दौड़ लगाते हैं तो वह इसे 12 मिनट में पूरी कर सकते हैं।''(वार्ता)