नई दिल्ली। भारत के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ का कहना है कि डोपिंग प्रतिबंध के कारण क्रिकेट से दूर रहने का समय उनके लिए प्रताड़ना की तरह था लेकिन इससे उनकी रनों की भूख बढ गई है।
बीसीसीआई ने पिछले साल 20 वर्ष के इस बल्लेबाज पर 15 नवंबर तक प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने अनजाने में प्रतिबंधित पदार्थ का सेवन कर लिया था जो आम तौर पर खांसी की दवा में पाया जाता है। शॉ ने आईपीएल टीम दिल्ली कैपिटल्स के इंस्टाग्राम लाइव सत्र में कहा, ‘वह गलती थी। क्रिकेट से दूर रहने का समय प्रताड़ना की तरह था।’
उन्होंने कहा, ‘शक और सवाल पैदा होते हैं लेकिन मैने विश्वास बनाए रखा। मैने कुछ समय लंदन में बिताया जहां अपनी फिटनेस पर काम किया। प्रतिबंध पूरा होने पर मैने घरेलू क्रिकेट में वापसी की और मेरी रनों की भूख बढ गई थी।’
उन्होंने कहा, ‘मैने बल्ला उठाया तो अहसास हुआ कि मेरी लय खोई नहीं है। इससे मेरी दृढता बढ गई।’ कोरोना वायरस महामारी के बीच मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर उन्होंने कहा कि संयम बनाए रखना जरूरी है।
उन्होंने कहा, ‘हममें से अधिकांश के पास संयम नहीं है। इस पर काम करना होगा। हर किसी को तलाशना होगा कि उसे क्या पसंद है और उसमें परिपक्वता लानी होगी। इससे अधिक संयमित होने में मदद मिलेगी।’
लॉकडाउन के दौरान इंडोर अभ्यास के अलावा वह अपने पिता की किचन में भी मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं अंडे बना लेता हूं और कुछ नई चीजें सीख रहा हूं। पबजी भी खेलता हूं।’ (भाषा)