मुंबई। सुनील मनोहर गावस्कर 10 जुलाई 2020 को पूरे 71 वर्ष के हो गए। उम्र के इस पड़ाव पर भी वे क्रिकेट की दुनिया में सबसे सक्रिय शख्सियतों में शुमार किए जाते हैं। जब तक वे मैदान पर रहे उन्हें तकनीक का बादशाह कहा जाता रहा और खेल को अलविदा कहने के बाद वे अपनी जबरदस्त कॉमेंट्री शैली के कारण दुनिया के नंबर एक कमेंटेटर बन गए।
35 बच्चों के लिए दिल की सर्जरी प्रायोजित : गावस्कर ने अपना 71वां जन्मदिन भी अनूठे अंदाज में मनाया। उन्होंने शुक्रवार को नवी मुंबई के खारघर के श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल में 35 बच्चों के लिए दिल की सर्जरी को प्रायोजित किया। बहुत कम इंसान ऐसे होते हैं, जो अपने जन्मदिन पर कुछ ऐसे सामाजिक काम करते हैं, जो मिसाल बन जाते हैं।
दुनिया की बेहतरीन गेंदबाजी का सामना : 10 जुलाई 1949 मुंबई (तब बॉम्बे) में मिडिल क्लास महाराष्ट्रीयन परिवार में जन्में सुनील गावस्कर को हमेशा दुनिया के सर्वकालीन महान क्रिकेट खिलाड़ियों की कतार में रखा जाता है। इसके कई कारण है। उन्होंने अपने वक्त में उस वक्त बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण का सामना किया, जबकि खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए बहुत कम साधन हुआ करते थे।
एकाग्रता और तकनीक का सानी नहीं : पूरी क्रिकेट बिरादरी जानती है कि 17 साल के क्रिकेट करियर में 'लिटिल मास्टर' के नाम से मशहूर गावस्कर की एकाग्रता और तकनीक का कोई मुकाबला नहीं था। भारतीय क्रिकेट में न जाने ऐसे कितने क्रिकेटर हैं, जिन्होंने गावस्कर की तकनीक का लोहा माना और अपने खेल में उसे शुमार किया।
एक टूर ने तकदीर बदली : 1970-71 में भारतीय क्रिकेट टीम अजीत वाडेकर की कप्तानी में वेस्टइंडीज के दौरे पर गई। इस दौरे में गई टीम में पहली बार 5 फीट 5 इंच ऊंचाई वाले सुनील गावस्कर को भी स्थान मिला। अपने क्रिकेट करियर के इस पहले दौरे में उन्होंने जो तहलका मचाया, उसने भारतीय क्रिकेट और खुद गावस्कर की तकदीर बदलकर रख दी।
एक सीरीज में सर्वाधिक टेस्ट रन बनाने का रिकॉर्ड : वेस्टइंडीज के इस टूर में वेस्टइंडीज के खूंखार गेंदबाजी आक्रमण के सामने गावस्कर के बल्ले से रनों का झरना फूट पड़ा। उन्होंने 154 के औसत से 4 टेस्ट मैचों में 4 शतक जड़कर 774 रन अपने नाम के आगे लिखवाए।
वेस्टइंडीज के खिलाफ रिकॉर्ड आज भी कायम : वेस्टइंडीज के खिलाफ एक सीरीज में सर्वाधिक टेस्ट रन बनाने का रिकॉर्ड आज भी उन्हीं के नाम है। उन्हें वेस्टइंडीज के विकेट इतने अधिक भाए कि उन्होंने 13 टेस्ट खेले और 7 शतक लगाकर कुल 2749 रन बनाए।
क्रिकेट करियर : टेस्ट मैच : गावस्कर ने 125 टेस्ट मैच की 214 पारियों में 16 बार नाबाद रहते हुए 51.12 के औसत से 10122 रन बनाए, जिसमें 34 शतक और 45 अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने टेस्ट मैचों में 4 दोहरे शतक भी जमाए हैं। उनका उच्चतम स्कोर 236 रन रहा।
वनडे मैच : गावस्कर को टेस्ट की तरह वनडे मैचों में अधिक कामयाबी नहीं मिली। उन्होंने 108 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों की 102 पारियों में 14 बार नाबाद रहते हुए 35.14 के औसत से 3092 रन बनाए। वनडे में उनके बल्ले से 1 शतक और 27 अर्धशतक निकले। उनका उच्चतम स्कोर 103 रहा। गावस्कर ने टेस्ट और वनडे में गेंदबाजी करके 1-1 विकेट भी हासिल किया।
गावस्कर के नाम यह भी रिकॉर्ड : सुनील गावस्कर दुनिया के ऐसे पहले टेस्ट बल्लेबाज रहे जिन्होंने सबसे पहले 9 हजार और फिर10 हजार रन पूरे किए। उनके 10122 रन के टेस्ट कीर्तिमान को ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर ने 11 हजार 174 रन बनाकर तोड़ा। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज को 1996 से 'बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी' का नाम प्रदान किया गया है।
30 शतक लगाने वाले भारत के पहले बल्लेबाज : सुनील गावस्कर टेस्ट मैचों में 30 शतक लगाने वाले भारत के पहले बल्लेबाज रहे। उनकी शतकीय पारियों का कमाल था कि भारतीय टीम ने 22 टेस्ट मैच ड्रॉ पर समाप्त करवाए। क्रिकेट के महान खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के सर डॉन ब्रैडमैन के 29 टेस्ट शतकों को तोड़ने का सम्मान भी गावस्कर ने ही हासिल किया।
सचिन के नाम 51 टेस्ट शतक : भारत की तरफ से जहां सुनील गावस्कर ने 34 टेस्ट शतक लगाए हैं तो 2005 में उनका यह रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर (51 शतक) ने तोड़ा, जिनके नाम अब भी सर्वाधिक टेस्ट शतक और सर्वाधिक रन का विश्व रिकॉर्ड (15921 रन) है।
यह रिकॉर्ड भी गावस्कर के नाम : सुनील गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 100 कैच लपकने वाले भारत के पहले क्षेत्ररक्षक थे। यही नहीं वे 100 टेस्ट मैच खेलने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर भी बने।
174 गेंदों में बनाए केवल 36 रन : यूं देखा जाए तो सुनील गावस्कर की वनडे मैचों में एक पारी को आज भी चटखारे लेकर याद किया जाता है। यह पारी उन्होंने वेस्टइंडीज द्वारा 1975 में आयोजित पहले विश्व कप में खेली थी, जब 174 गेंदों का सामना करने के बाद वे 36 रन के कुल स्कोर पर नाबाद रहे थे। तब विश्व कप का एक मैच 60-60 ओवर का हुआ करता था।
गावस्कर को मिले ये सम्मान : भारतीय क्रिकेट के लीजेंड कहे जाने वाले सुनील गावस्कर को 1980 में पद्मभूषण से नवाजा गया था। इसी साल वे 'विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर' भी चुने गए। वह 2009 में आईसीसी हॉल ऑफ द फेम में शामिल हुए जबकि 2012 में उन्हें 'सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट' अवॉर्ड से नवाजा गया।
आईसीसी ने दिया सम्मान : क्रिकेट की दुनिया की सर्वोच्च संस्था अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भी सुनील गावस्कर के 71वें जन्मदिन को याद करके उन्हें सम्मान दिया। भारतीय क्रिकेट के लिए यह सम्मान की बात है कि सुनील गावस्कर जैसे महान क्रिकेटर ने इस देश में जन्म लिया और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का नाम रौशन किया।