नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में कथित तौर पर शामिल पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस श्रीसंत को मिले दंड की मात्रा पर बीसीसीआई लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डीके जैन तीन महीने के भीतर पुनर्विचार करें।
न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्पायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने यह निर्देश बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर किक्रेट इन इंडिया (बीसीसीआई) की याचिका पर दिए।
बीसीसीआई ने कहा था कि उसकी अनुशासन समिति ने यह मामला उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष लोकपाल को भेज दिया है।
इससे पहले 15 मार्च को उच्चतम न्यायालय ने बीसीसीआई की अनुशासन समिति के श्रीसंत के इस मामले में कथित तौर पर शामिल होने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने के आदेश को दरकिनार कर दिया था। तब न्यायालय ने कहा था कि अनुशासन समिति को तीन महीने के भीतर श्रीसंत को दी गई सजा की मात्रा पर पुनर्विचार करना चाहिए।