नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में सुधार प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने के क्रिकेट प्रशासकों की समिति (सीओए) के आरोपों के मद्देनजर बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन अौर पूर्व सचिव निरंजन शाह से शुक्रवार को जवाब-तलब किए।
सीओए ने पिछले दिनों शीर्ष अदालत को सौंपी अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि श्रीनिवासन और शाह जैसे बीसीसीआई के पूर्व पदाधिकारी निजी हितों के कारण लोढा समिति की सुधार की योजनाओं को अमली जामा पहनाने में बाधा पहुंचा रहे हैं।
न्यायमूर्ति ने बीसीसीआई से संबंधित मामलों की सुनवाई के दौरान सीओए की स्थिति रिपोर्ट पर चर्चा की और बोर्ड के दोनों पूर्व पदाधिकारियों को नोटिस जारी करके जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 सितम्बर की तारीख मुकर्रर की है।
श्रीनिवासन गत सात मई और 26 जून को आयोजित विशेष आम सभा (एसजीएम) में तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के प्रतिनिधि के तौर पर हिस्सा लिया था, जबकि 70 वर्ष की आयु से अधिक के पदाधिकारियों को न्यायालय ने अयोग्य ठहरा रखा है। निरंजन शाह की भी उम्र 70 साल से अधिक हो चुकी है, इसके बावजूद उन्होंने बैठकों में हिस्सा लिया था।
सीओए ने पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय में चौथी स्थिति रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें ए आरोप लगाए गए थे। इससे पहले सीओए ने 27 फरवरी, 17 मार्च और सात अप्रैल को भी स्थिति रिपोर्ट जमा कराई थी।
समिति ने कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी की तारीफ करते हुए कहा है कि चौधरी लोढा समिति की सिफारिशों पर अमल कराने के लिए प्रयासरत हैं। समिति ने श्रीनिवासन के विश्वासपात्र अनिरुद्ध चौधरी पर मूक दर्शक बने रहने का आरोप भी लगाया गया है। (वार्ता)