नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को पूर्व प्रशासकों एन श्रीनिवासन और निरंजन शाह को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की 26 जुलाई को होने वाली विशेष आम बैठक में शामिन होने से मना कर दिया है।
बीसीसीआई ने हालांकि श्रीनिवासन का समर्थन करते हुए अदालत के इस फैसले का विरोध किया। बोर्ड ने दलील दी कि लोढा पैनल नामित सदस्य श्रीनिवासन को बैठक में हिस्सा लेने से इस तरह रोक नहीं सकता है। बोर्ड ने दलील में यह भी कहा कि पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष ने पहले भी चार बैठकों में हिस्सा लिया था और पहले किसी ने इस पर कोई सवाल नहीं उठाया। लेकिन जब पूर्व बोर्ड अध्यक्ष ने लोढा पैनल का विरोध किया तब उन्हें बैठक में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया।
कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल अदालत में श्रीनिवासन की ओर से पेश हुए और उन्होंने दलील दी कि लोढा पैनल किसी नामित सदस्य को नहीं रोक सकता है और श्रीनिवासन को जानकर निशाना बनाया जा रहा है। सर्वोच्च अदालत अब 18 अगस्त को निर्णय करेगा कि अयोग्य सदस्य बतौर राज्य क्रिकेट संघ के प्रतिनिधि के तौर पर बैठक में शामिल हो सकता है या नहीं।
सर्वोच्च अदालत साथ ही एक राज्य एक वोट की विवादास्पद सिफारिश पर भी समीक्षा करेगा। अदालत ने कहा, इस देश में शायद एक राज्य एक वोट की योजना अच्छी नहीं है लेकिन यह बहस का विषय है।
शीर्ष अदालत 18 अगस्त को अपनी अगली सुनवाई में बीसीसीआई का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति में दो खाली पड़े पदों पर नई नियुक्तियों का भी फैसला करेगी। सीओए का नेतृत्व पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय कर रहे हैं। इतिहासकार रामचंद्र गुहा और विक्रम लिमए के सीओए से इस्तीफे के बाद यह जगह खाली हुई है। (वार्ता)