हरारे। पहले वनडे मुकाबले में मिली 9 विकेट की जबर्दस्त जीत से उत्साहित युवा खिलाड़ियों से सुसज्जित टीम इंडिया सोमवार को जिम्बाब्वे के खिलाफ दूसरा मुकाबला जीतकर 3 मैचों की सीरीज पर कब्जा जमाने के इरादे से उतरेगी।
अनुभवी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में युवा भारतीय तुर्कों ने पहले मुकाबले में जीत का परचम लहराया था। भारतीय टीम ने तीनों विभागों में शानदार प्रदर्शन करते हुए जिम्बाब्वे को पटखनी दी थी और अब टीम का इरादा मेजबान टीम को घर में ही चित्त करने का होगा।
अपने पर्दापण मैच में ही सैकड़ा जमाने वाले ओपनर लोकेश राहुल के साथ ही अंबाटी रायुडू भी अपनी फॉर्म को बरकरार रखने की कोशिश करेंगे।
भारत को 9 विकेट से मिली जीत की वजह से मध्यक्रम के बल्लेबाजों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अधिक मौका नहीं मिला, लेकिन लोकेश ने नाबाद 100 और रायुडू ने नाबाद 62 रनों की पारी खेली और 228 गेंदों में 162 रनों की बेहद जिम्मेदाराना साझेदारी कर टीम की झोली में मैच डाल दिया।
पर्दापण मुकाबले में ही शतक बनाने वाले लोकेश आगामी वेस्टइंडीज दौरे से पहले ज्यादा से ज्यादा रन बनाकर अपना आत्मविश्वास बढ़ाने के इरादे से खेलेंगे, वहीं पिछले वर्ष दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए टीम में नहीं चुने गए रायुडू के लिए यह सीरीज बेहद महत्वपूर्ण साबित होगी जिसमें वे खुद को साबित करने का कोई भी मौका गंवाना नहीं चाहेंगे। वनडे में 1,000 रन पूरा करने के बाद उनका आत्मविश्वास निश्चित तौर पर बढ़ा होगा।
दोनों देशों के बीच पिछले मुकाबलों में भारत का पलड़ा ही भारी रहा है। भारत ने वर्ष 2013 में 5-0 और 2015 में 3-0 से जिम्बाब्वे का सफाया किया था। कप्तान धोनी एक बार फिर से क्लीन स्वीप करने और दूसरे वनडे में इस दिशा की तरफ एक कदम और बढ़ाने के इरादे से मैदान पर उतरेंगे।
भारतीय युवा ब्रिगेड ने अच्छी बल्लेबाजी के साथ संतुलित गेंदबाजी भी की थी जिसमें जसप्रीत बुमराह सर्वाधिक 4 विकेट लेकर हीरो रहे थे। युवा गेंदबाज जसप्रीत 9.5 ओवर में 2.84 के बेहतरीन इकॉनॉमी रेट से 28 रन देकर 4 विकेट लेकर सबसे सफल रहे थे। गेंदबाजी विभाग में टीम के सभी 5 गेंदबाजों ने विकेट हासिल किए थे।
धवल कुलकर्णी और बरिंदर शरण ने 2-2 विकेट लिए तो स्पिनरों में अक्षर पटेल और युजवेंद्र चहल ने भी 1-1 विकेट लेकर खाता खोला। सभी गेंदबाजों का इकॉनॉमी रेट भी काफी अच्छा रहा था और इसी प्रदर्शन की उम्मीद दोबारा रहेगी।
मैच में भारतीय गेंदबाजों के इसी प्रदर्शन की बदौलत टीम 9 विकेट से जीत दर्ज करने में कामयाब रही। पिछले मैच में हालांकि मध्यक्रम को क्रीज पर समय बिताने का मौका नहीं मिला लेकिन दूसरे मैच में यदि यह मौका आता है तो खिलाड़ियों के पास खुद को साबित करने का मौका होगा जिसे वे हर हाल में भुनाना चाहेंगे।
जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला वनडे शतक लगा चुके मनीष पांडे अपनी बल्लेबाजी प्रतिभा दिखाने के मौके का इंतजार कर रहे होंगे, वहीं करुण नायर भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में स्कोर करना चाहेंगे।
यह देखना दिलचस्प होगा कि कप्तान धोनी दूसरे मैच में कुछ नए चेहरों को मौका देते हैं या पहले मैच की विजेता टीम को ही दोबारा उतारेंगे। नए खिलाड़ियों में ऑफ स्पिनर जयंत यादव, फैज फजल, मध्यक्रम में मनदीप सिंह को मौके मिल सकते हैं। जिम्बाब्वे में 11 वर्ष के लंबे अंतराल के बाद खेल रहे अनुभवी खिलाड़ी और कप्तान धोनी भी मध्यक्रम में खेलना चाहेंगे।
वहीं दूसरी ओर जिम्बाब्वे के पास भारत जैसी मजबूत टीम के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने का मौका है लेकिन टीम में निरंतरता की कमी है और टीम काफी हद तक अभी भी अनुभवी एल्टन चिगुंबुरा पर निर्भर रहती है। चिगुंबुरा टीम के सीनियर खिलाड़ियों में हैं और पिछले मैच के साथ ही अपने 200 वनडे पूरे कर चुके हैं।
चिगुंबुरा ने पिछले मैच में सर्वाधिक 41 रन बनाए, लेकिन बाकी खिलाड़ियों को भी बेहतर बल्लेबाजी करनी होगी। चिगुंबुरा के अलावा वूसी सिबांदा, हैमिल्टन मसकाद्जा और चामू चिभाभा अन्य सीनियर खिलाड़ी हैं जिनसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी।
टीमें-
भारत : महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान), केएल राहुल, फैज फजल, मनीष पांडे, करुण नायर, अंबाती रायुडू, केदार जाधव, मनदीप सिंह, ऋषि धवन, जसप्रीत बुमरा, जयंत यादव, युजवेंद्र चहल, जयदेव उनादकट, धवल कुलकर्णी, अक्षर पटेल।
जिम्बाब्वे : ग्रीम क्रेमर (कप्तान), तेंडाइ चतारा, चामू चिभाभा, एल्टन चिगुंबुरा, तेंडाइ चिसोरो, क्रेग इरविन, नेविले मेजिवा, तिमीकेन मारुमा, हैमिल्टन मसाकाजा, वेलिंगटन मसाकाजा, पीटर मूर, तवांडा मूपरीवा, रिचर्ड मुटुम्बामी, टी. मुजाराबानी, वुसी सिबांडा, सिकंदर रजा, डोनाल्ड तिरिपानो, सीन विलियम्स।
मैच का समय : दोपहर 12.30 बजे से। (वार्ता)