जोहानिसबर्ग। भारतीय बल्लेबाजों ने वांडरर्स की मुश्किल और असमान उछाल वाली पिच पर सयंमित बल्लेबाजी की, लेकिन मैच अधिकारियों ने शुक्रवार को तब मैच रोक दिया जब दक्षिण अफ्रीका ने इन्हीं हालात में खेलना शुरू किया।
दूसरी पारी के नौंवे ओवर में जसप्रीत बुमराह की गेंद दक्षिण अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज डीन एल्गर के हेलमेट पर लगी जिसके बाद अंपायरों ने खेल रोकने का फैसला किया।
दक्षिण अफ्रीका ने जीत के लिए 241 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए खेल रोके जाने तक 8.3 ओवर में एक विकेट गंवाकर 17 रन बना लिए थे तब जसप्रीत बुमरा की उठती गेंद एल्गर के हेलमेट पर लगी। इसके बाद अंपायरों ने खेल रोक दिया।
एल्गर को चोट लगते ही फिजियो पिच पर पहुंचे और वह अपने सिर पर आईस-पैक लगाते दिखे। अंपायर इयान गोल्ड और अलीम डार चर्चा कर रहे थे, तभी मैच रैफरी एंडी पाक्रोफ्ट भी उनके पास पहुंच गए। खिलाड़ियों को मैदान से बुला लिया गया और दोनों टीमों के कप्तानों और कोचों को चर्चा के लिए बुलाया गया।
पूर्व खिलाड़ी सुनील गावस्कर और जोंटी रोड्स कमेंटरी बाक्स से यह सब देख रहे थे, उन्हें लगता है कि बुमराह की गेंद का पिच से कोई लेना-देना नहीं है जो एल्गर को लगी थी।
पहले दो टेस्ट में टीम से बाहर किए जाने के बाद वापसी करते हुए अजिंक्य रहाणे (48 रन) ने शानदार बल्लेबाजी की। वह कहीं भी गेंद लगने से परेशान नहीं हुए और कप्तान विराट कोहली (41) के आउट होने के बाद उन्होंने भुवनेश्वर कुमार (33) के साथ सातवें विकेट के लिए 55 रन की अहम भागीदारी निभायी। रहाणे ने महज 68 गेंद में छह चौके की मदद से तेजी से रन जुटाए।
रहाणे से पहले सलामी बल्लेबाज मुरली विजय (25) और कोहली के हाथों में भी गेंद लगी। मैदानी अंपायर पिच के हालात के बारे में कई बार चर्चा करते दिखे जिसकी कमेंटेटरों ने लगातार आलोचना की। लेकिन उन्होंने कभी भी खेल नहीं रोका।
रहाणे और भुवनेश्वर की साझेदारी के अलावा मोहम्मद शमी (27) ने अंत में काफी अच्छी बल्लेबाजी जिससे भारत की दूसरी पारी 247 रन पर सिमटी और दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 241 रन का लक्ष्य मिला।
भारतीय कप्तान ने भी बल्लेबाजी जारी रखने की इच्छा दिखायी थी क्योंकि वह इस बात को जानते हैं कि उन्होंने जीत के लिए मजबूत स्कोर खड़ा कर दिया है।
कोहली ने इस पिच पर शानदार खेल दिखाया और इस पारी से वह टेस्ट कप्तान के रूप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में महेंद्र सिंह धोनी (60 टेस्ट में 3454 रन) को पछाड़ने में सफल रहे। लेकिन वह 50वें ओवर में कागिसो रबाडा (59 रन देकर तीन विकेट) की अच्छी गेंद पर बोल्ड हो गए।
रहाणे ने हालांकि कुछ आक्रामक शाट खेले, विशेषकर मोर्ने मोर्कल (38 रन देकर एक विकेट) की गेंदों पर जिससे भारत ने 150 रन पूरे किए। भुवनेश्वर दूसरे छोर पर मजबूत दिख रहे थे। इन दोनों को दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों के मैदान में खराब प्रदर्शन का फायदा मिला क्योंकि रहाणे और भुवनेश्वर के कैच एक एक बार छूटे।
डीन एल्गर ने 59वें ओवर में मोर्कल की गेंद पर गली में भुवी का कैच छोड़ा और फिर छह गेंद के बाद एंडिले फेलुकवायो ने रबाडा की गेंद पर डीप प्वाइंट पर रहाणे को 38 रन पर जीवनदान दिया। चाय से तुरंत पहले इस जोड़ी ने 68 गेंद में 50 रन की भागीदारी पूरी की।
सुबह के सत्र में रबाडा की गेंद पहले 31वें ओवर में कोहली के दायें हाथ मे लगी और फिर 35वें ओवर में विजय के बायें हाथ में लगी।
यह सब विजय और कोहली के बीच चौथे विकेट के लिए 43 रन की भागीदारी पूरी करने के बाद हुआ, जिससे भारत ने लंच तक चार विकेट पर 100 रन पूरे किए।
विजय लंच से तुरंत पहले आउट हो गए, जब रबाडा की यार्कर ने उन्हें बोल्ड कर दिया। इससे पहले तीन घंटे 14 मिनट तक क्रीज पर टिककर उन्होंने काफी धैर्य दिखाया और 127 गेंद में 25 रन बनाए।
भारत ने एक विकेट पर 49 रन से खेलना शुरू किया और दक्षिण अफ्रीका ने तेजी से दो झटके दिये। लोकेश राहुल और चेतेश्वर पुजारा (01) के सुबह जल्दी पवेलियन लौट गये। राहुल (16) वर्नोन फिलैंडर की गेंद पर दूसरी स्लिप में कैच आउट हुए।
तीन ओवर बाद, भारतीय टीम का स्कोर चेतेश्वर पुजारा (01) के आउट होने से तीन विकेट पर 57 रन हो गया। वह भी दूसरी स्लिप में कैच आउट हुए, लेकिन मोर्ने मोर्कल ने उन्हें पैवेलियन भेजा।
इनके आउट होने के बाद कोहली और विजय ने 18.5 ओवर तक बल्लेबाजी की। कोहली को इस दौरान चार रन के स्कोर पर जीवनदान भी मिला, जब मोर्कल की गेंद पर ऐडन मार्कराम शार्ट लेग पर कैच लपकने का मौका चूक गये। गेंद उनके हाथ में गयी लेकिन प्रतिक्रिया का समय काफी कम मिला जिससे वह इसे ठीक से पकड़ नहीं सके।
भारत ने 40वें ओवर में 100 रन पूरे किए। पांच गेंद के बाद रबाडा ने अपनी टीम को विजय के रूप में अहम विकेट दिलाया जो यार्कर पर बोल्ड हुए। (भाषा)