मुंबई। इंग्लैंड में लीसेस्टरशर की ओर से काउंटी क्रिकेट खेल रहे भारतीय तेज गेंदबाज वरुण आरोन को उम्मीद है कि उन्हें राष्ट्रीय टीम में एक बार फिर मौका मिलेगा।
आरोन ने 9 टेस्ट और इतने ही एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। उन्होंने अपना पिछला टेस्ट दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2015 में बेंगलुरु में और अंतिम एकदिवसीय 2014 में कटक में श्रीलंका के खिलाफ खेला था। आरोन ने कहा कि काउंटी में वे लीसेस्टरशर के लिए सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुझे राष्ट्रीय टीम से बुलावा मिलने की उम्मीद है और मैं यहां (काउंटी में) अपना सर्वश्रेष्ठ करना चाहूंगा और यह (चयन) फैसला चयनकर्ताओं के हाथ में है। उन्हें तय करना है कि मैं एक बार फिर भारत के लिए खेलने के लिए तैयार हूं या नहीं? मुझे लगता है कि मैं फिट हूं और अपनी सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी कर रहा हूं।
दाएं हाथ के इस 28 वर्षीय तेज गेंदबाज ने कहा कि उन्हें अपनी गेंदबाजी शैली में बदलाव करना पड़ा, क्योंकि प्रतिद्वंद्वी टीमों ने सपाट पिचों का निर्माण किया है। इन हालात में खेलने का मुझे फायदा मिला। जब मैं यहां आया था तो मुझे लगा कि तेज गेंदबाजों को मदद वाली पिचें मिलेंगी लेकिन हुआ इसके उलट। इंग्लैंड में टॉस नियम लागू है जिसमें अगर मेहमान टीम को लगता है कि विकेट से मदद मिलेगी तो वह टॉस के बिना पहले गेंदबाजी करना चुन सकते हैं।
आरोन ने कहा कि इस नियम के कारण बहुत सारी टीमें सपाट पिचें बना रही हैं और इन पिचों पर मुझे सुधार करना पड़ा। ऐसी गेंदबाजी करनी पड़ी, जैसी मैंने पहले कभी नहीं की थी। आरोन ने ग्लेमोर्गन के खिलाफ 65 रनों पर 4 विकेट और 66 रनों पर 2 विकेट लिए जिससे टीम 19 मैचों के बाद जीत दर्ज कर सकी। आरोन ने कहा कि मैं पहले विकेट लेने के लिए आउट स्विंग गेंदबाजी पर निर्भर करता था लेकिन पहले मैच के बाद मैंने महसूस किया कि मुझे अच्छी इनस्विंगर गेंदबाजी करनी होगी।
उन्होंने कहा कि काउंटी में मेरा अनुभव शानदार रहा है। एक गेंदबाज के तौर पर आपको सीखने को मिलता है। विदेशी गेंदबाज होने का दबाव झेलना पड़ता है इसलिए आप पर बेहतर प्रदर्शन का भी दबाव होता है। (भाषा)