नई दिल्ली। खेलमंत्री विजय गोयल चाहते हैं कि बीसीसीआई को भी नई खेल संहिता का हिस्सा होना चाहिए जिसे जल्द ही पेश किया जाएगा।
न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति के सुशासन संबंधित संवैधानिक बदलावों के बाद भारत में क्रिकेट की सबसे अमीर संस्था बदलाव के दौर से गुजर रही है, हालांकि बीसीसीआई अभी खेल संहिता के अधीन नहीं है और उन्हें कोई सरकारी अनुदान नहीं मिलता।
गोयल बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना के साथ ही बैठे थे। उन्होंने कहा कि यहां सवाल सिर्फ बीसीसीआई के बारे में नहीं है। मेरा मानना है कि सभी खेलों को खेल संहिता का हिस्सा होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि फिलहाल खेल संहिता सभी खेलों पर लागू होती है और महासंघों द्वारा इसका अनुकरण किया जा रहा है। जहां तक अंतिम संहिता का संबंध है तो मेरा मानना है कि जब तक रिपोर्ट तैयार होगी, हम इसे देश के समक्ष प्रस्तावित करेंगे। गोयल ने हालांकि कहा कि उन्हें बीसीसीआई को इसमें शामिल करने के विरोध करने के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष खन्ना ने हालांकि इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया और कहा कि इसके बारे में उचित समय पर चर्चा की जाएगी, जब खेल संहिता पेश की जाएगी।
खन्ना ने कहा कि आज मैं किसी भी चीज के बारे में टिप्पणी नहीं करूंगा। मैं यहां सिर्फ उन्हें (गोयल) आईपीएल फाइनल के लिए आमंत्रित करने के लिए आया हूं। जब समय आएगा, हम दूरियां दूर कर देंगे। इस समय इस तरह की कोई चर्चा नहीं हो रही है। (भाषा)