धर्मशाला। भारतीय कप्तान विराट कोहली का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शनिवार से यहां शुरू होने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच में खेलना संदिग्ध है जिससे इस बेहद कड़ी श्रृंखला के निर्णायक मैच से पहले भारत पर काफी दबाव बन गया है।
मैदानी जंग और जुबानी जंग के बीच चल रही यह बेहद प्रतिस्पर्धी श्रृंखला अभी 1-1 से बराबरी पर है लेकिन भारत के लिए निर्णायक मैच की पूर्व संध्या पर खबर अच्छी नहीं है, क्योंकि स्वयं कप्तान ने स्वीकार किया कि वे मैच के लिए शत-प्रतिशत फिट नहीं है, क्योंकि अगर वे खेलते हैं तो चोट के बढ़ने का जोखिम रहेगा।
मैच की पूर्व संध्या पर दिया गया बयान एक तरह से संकेत है कि कोहली के मैच में खेलने की संभावना क्षीण है। एक ऐसा मैच जिसमें कोहली जैसे कुशल नेतृत्वकर्ता की टीम को सख्त जरूरत पड़ेगी। एक बल्लेबाज के तौर पर कोहली के लिए वर्तमान श्रृंखला किसी दु:स्वप्न से कम नहीं रही लेकिन अगर वे नहीं खेलते हैं और उनके स्थान पर आने वाले श्रेयस अय्यर बड़ा स्कोर नहीं बना पाते है तो फिर उन जैसे नामी बल्लेबाज की कमी भारत को भारी पड़ सकती है।
कोहली ने शुक्रवार को नेट्स पर बल्लेबाजी अभ्यास किया लेकिन स्वीकार किया कि फिजियो पैट्रिक फरहार्ट शाम को ही उनके खेलने को लेकर फैसला करेंगे। भारतीय खेमा शायद निर्णायक मैच से पहले विरोधी टीम को किसी तरह का मनोवैज्ञानिक लाभ नहीं देना चाहता है। संभवत: यही वजह थी कि कोहली, जिनका खेलना संदिग्ध है, मैच से पहले के अनिवार्य संवाददाता सम्मेलन में आए।
कोहली से पूछा गया कि वे नेट्स पर कैसा महसूस कर रहे थे? तो उन्होंने कहा कि यह प्रतियोगिता से काफी भिन्न है, यह एक बात है। रांची में मैंने अनुभव किया है कि अगर आप कुछ प्रतिक्रियात्मक मूवमेंट करते हो तो फिर आपकी चोट का असली रूप सामने आता है।
कोहली ने कहा कि हमें इन चीजों को दिमाग में रखना होगा। फिजियो मेरे परीक्षण के लिए कुछ और समय देना चाहते हैं और संभवत: हम शुक्रवार देर रात या शनिवार को मैच से पहले फैसला कर लेंगे। (भाषा)