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'एक टेस्ट से नहीं हो सर्वश्रेष्ठ टीम का चयन', हार के बाद विराट ने भी की बेस्ट ऑफ 3 की वकालत

हमें फॉलो करें 'एक टेस्ट से नहीं हो सर्वश्रेष्ठ टीम का चयन', हार के बाद विराट ने भी की बेस्ट ऑफ 3 की वकालत
, गुरुवार, 24 जून 2021 (16:42 IST)
साउथम्पटन: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने यहां न्यूजीलैंड से पहली आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का फाइनल बुधवार को हारने के बाद कहा कि वह एक मैच में सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम तय करने पर सहमत नहीं हैं।
 
विराट ने भविष्य में डब्ल्यूटीसी फाइनल का विजेता तय करने के लिए एक से ज्यादा मैच कराए जाने पर जोर दिया,, हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनकी राय परिणाम पर आधारित नहीं हैं, लेकिन दो साल के चरण में खेले गए टूर्नामेंट से सर्वश्रेष्ठ टीम का फैसला केवल एक मैच नहीं कर सकता और न ही दो फाइनलिस्ट टीमों के चरित्र का प्रामाणिक चित्रण दे सकता है।
 
विराट का यह रुख टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री और भारतीय क्रिकेट लीजेंड सचिन तेंदुलकर के विचारों का समर्थन करता है। दरअसल डब्ल्यूटीसी फाइनल से पहले रवि शास्त्री और सचिन ने कहा था कि एक फाइनल मैच के बजाय तीन मैच उचित होंगे। रवि ने कहा था, “ लंबे समय में इस फाइनल को एक मैच के बजाय ‘ बेस्ट ऑफ थ्री ’ मुकाबला होना चाहिए। ”
 
भारतीय कप्तान ने बुधवार को ऑनलाइन प्रेस वार्ता में कहा, “ सच कहूं तो मैं एक मैच के आधार पर दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम का फैसला करने से पूरी तरह सहमत नहीं हूं। अगर यह एक टेस्ट सीरीज होती तो इसमें तीन टेस्ट मैचों में चरित्र का परीक्षण होता कि कौन सी टीम श्रृंखला में वापस आने या दूसरी टीम को पूरी तरह से उड़ा देने की क्षमता रखती है। सिर्फ दो दिनों के अच्छे क्रिकेट के लिए दबाव बनाना और फिर आप अचानक एक अच्छे टेस्ट टीम नहीं हैं। मुझे इसमें विश्वास नहीं है। ”
उन्होंने कहा, “ मेरा मानना ​​है कि डब्ल्यूटीसी फाइनल तीन मैचों का होना चाहिए, ताकि आप एक टीम के रूप में उसी के अनुसार तैयारी करें और आपके पास एक मौका हो। अगर आपका पहला मैच अच्छा नहीं रहा तो आपके पास दूसरा मौका होगा सामने वाली टीम का परीक्षण लेने का। मुझे लगता है कि इस पर निश्चित रूप से भविष्य में काम करने की जरूरत है। तीन मैच होने से हम प्रयास कर सकते हैं। उतार-चढ़ाव आते हैं और श्रृंखला के दौरान स्थितियां बदलती रहती हैं। इससे आपको उन चीजों को सुधारने का मौका मिलेगा जो पहले मैच में गलत हुई हैं और फिर देखें कि तीन मैचों की श्रृंखला के दौरान कौन बेहतर टीम है। यह एक अच्छा उपाय होगा, इसलिए हम इस परिणाम से ज्यादा परेशान नहीं हैं, क्योंकि हम समझते हैं कि एक टेस्ट टीम के रूप में हमने न केवल पिछले 18 महीनों में, बल्कि तीन-चार वर्षों में बहुत अच्छा किया है, इसलिए यह इस बात का पैमाना नहीं है कि हम एक टीम के रूप में क्या हैं और इतने वर्षाें से हमारे पास कितनी क्षमता है। ”

उल्लेखनीय है कि भारत ने पिछले दो वर्षाें में छह श्रृंखलाओं में से पांच जीत कर 520 अंकों के साथ डब्ल्यूटीसी के लंबे लीग चरण को टेबल टॉपर्स के रूप में समाप्त किया था। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ उनकी हालिया श्रृंखला जीत न्यूजीलैंड से हार के पहले आई थी।

विराट ने कहा, “ मुझे लगता है कि ऐतिहासिक रूप से आपने टेस्ट क्रिकेट में जितनी भी बेहतरीन सीरीज देखी हैं, आप उन्हें तीन या पांच मैचों की अवधि में याद करते हैं और जब दो टीमें ये सीरीज खेलती हैं तो ये यादगार बन जाती हैं। मुझे लगता है कि इसे निश्चित रूप से संज्ञान में लिया जाना चाहिए। मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रहा हूं, क्योंकि हम जीतने वाली टीम नहीं हैं, बल्कि सिर्फ टेस्ट क्रिकेट और इस फाइनल को पूरी तरह से यादगार बनाने के लिए कह रहा हूं। मुझे लगता है कि यह कम से कम तीन मैचों के लिए होना चाहिए, ताकि आपके पास याद रखने के लिए एक श्रृंखला हो, क्योंकि इस दौरान उतार-चढ़ाव होते हैं और दो क्वालिटी टीमें यह जानते हुए एक-दूसरे से भिड़ती हैं कि दांव पर बहुत कुछ है। ”
 
उन्होंने डब्ल्यूटीसी फाइनल हारने के बाद निराश होते हुए कहा, “ प्रदर्शन करने के लिए टीम में सही मानसिकता वाले खिलाड़ियों को लाने की जरुरत है। मेरे हिसाब से टेस्ट क्रिकेट का सेट-अप सफेद गेंद सेट-अप की तरह होना चाहिए, जहां कई ऐसे खिलाड़ी हों जो उच्च स्तर पर जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हों और बेखौफ तरीके से खेलें। कुछ खिलाड़ियों ने रन बनाने के लिए सही इरादा नहीं दिखाया, जिसके चलते बल्लेबाजी पर अधिक दबाव पड़ा। ”
 
कप्तान ने कहा, “ हम अपनी टीम को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक चीजों के बारे में मूल्यांकन करना और बातचीत करना जारी रखेंगे। हम ऐसे स्वरूप को फॉलो नहीं करेंगे जिससे हमें नुकसान हो। हम एक या दो वर्ष तक इंतजार नहीं करेंगे। हमें आगे की योजना तैयार करनी होगी। अगर आप हमारी वनडे और टी-20 टीम को देखें तो उसमें काफी गहराई है जिसमें खिलाड़ी आत्मविश्वास से लबरेज हैं। टेस्ट क्रिकेट में भी ऐसा करने की जरूरत है। ”
 
यह बयान विराट कोहली विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल से पहले देते तो इसके अलग मायने होते। लेकिन अंतिम दिन बल्ले और गेंद से दोयम दर्जे का प्रदर्शन करने के बाद फैंस, पूर्व क्रिकेटर्स और क्रिकेट विशेषज्ञ इसके अलग मतलब निकालेंगे। 
 
दो साल के अंदर खेली गई आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में भारत न्यूजीलैंड से सर्वाधिक 3 मुकाबले हारा है। दो न्यूजीलैंड में और एक बुधवार को टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में। इससे यह तो साबित होता है कि न्यूजीलैंड भारत को अपने घरेलू मैदान और तटस्थ स्थल पर पछाड़ सकती है। हालांकि भारत की टर्निंग पिचों पर न्यूजीलैंड के ज्यादातर बल्लेबाज  सस्ते में आउट हो जाते है।(वार्ता)

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