नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान और मौजूदा समय के सबसे लोकप्रिय बल्लेबाज विराट कोहली का नाम देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार 'राजीव गांधी खेल रत्न' के लिए नामित किया था तो यही माना जाने लगा था कि वह इस साल 'खेल रत्न' बन जाएंगे लेकिन खेल मंत्रालय के ताजा निर्देश के बाद विराट को अब रियो ओलंपिक समाप्त होने का इंतजार करना होगा।
केंद्रीय खेल मंत्रालय ने कहा है कि जो भी एथलीट अगस्त में होने वाले रियो ओलंपिक के व्यक्तिगत मुकाबलों में देश के लिए पदक जीतेगा उन्हें इस वर्ष खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार देने पर विचार किया जाएगा।
मंत्रालय ने इस फैसले के पीछे अपना तर्क देते हुए कहा है कि यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि खिलाड़ियों को ओलंपिक में पदक जीतने के अपने प्रदर्शन के बाद इन सर्वोच्च पुरस्कारों के लिए सालभर इंतजार नहीं करना पड़े।
मंत्रालय के राजीव गांधी खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कारों के लिए ओलंपिक प्रदर्शन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के बाद यह माना जाने लगा है कि विराट को अब ओलंपिक समाप्त होने का इंतजार करना होगा। इससे पहले तक यही माना जा रहा था कि मौजूदा समय के सबसे लोकप्रिय क्रिकेटर विराट को उनके दमदार प्रदर्शन की बदौलत यह पुरस्कार मिल जाएगा।
गत वर्ष भी टेनिस स्टार सानिया मिर्जा को उनके प्रदर्शन के कारण ही राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा गया था। हालांकि उस समय पैरालंपियन एचएस गिरिशा ने सरकार के सानिया को इस पुरस्कार के लिए चुनने के फैसले को अदालत में चुनौती दी थी। लेकिन मंत्रालय अपने फैसले पर अड़ा रहा था। सानिया जैसा ही इस साल विराट के साथ भी हो सकता था लेकिन ओलंपिक प्रदर्शन का मामला सामने आने के बाद उनके लिए चुनौती खड़ी हो गई है।
विराट ने 2016 में गज़ब की बल्लेबाजी की थी। वे टी-20 विश्वकप के मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे और उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाया था। आईपीएल नौ में भी विराट चार शतकों सहित 900 से ज्यादा रन बना चुके हैं जो एक नया रिकॉर्ड है। भारतीय टेस्ट कप्तान लोकप्रियता के मामले में भारत रत्न सचिन तेंदुलकर और सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी चुनौती दे रहे हैं।
यदि सरकार का यह नया फरमान सामने न आता तो इस बात की पूरी संभावना थी कि 29 अगस्त को विराट खेल रत्न बन जाते। उनके लिए खेल रत्न बनने की संभावना ओलंपिक में भारतीय एथलीटों के प्रदर्शन पर टिकीं होंगी। जिन खिलाड़ियों को अभी तक खेलरत्न नहीं मिला है और यदि वे रियो में पदक जीतते हैं तो उनके खेल रत्न बनने की संभावना बढ़ जाएगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने पूर्व में फैसला लिया था कि ओलंपिक वर्ष की विशेष परिस्थितियों में वह एक से अधिक खिलाड़ियों को खेल रत्न का सम्मान भी दे सकती है। वर्ष 2008 के बीजिंग ओलंपिक के बाद पहलवान सुशील कुमार, मुक्केबाज विजेन्दर सिंह और पांच बार की विश्व चैंपियन महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम को एक साथ खेल रत्न का सम्मान दिया गया था।
2012 के लंदन ओलंपिक में भारत ने दो रजत और चार कांस्य सहित कुल छह पदक जीते थे। इन पदक विजेताओं में सुशील, निशानेबाज गगन नारंग, महिला मुक्केबाज मैरीकॉम और बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल को पहले ही खेल रत्न मिल चुका था जिसके कारण दो अन्य पदक विजेताओं निशानेबाज विजय कुमार और पहलवान योगेश्वर दत्त को खेल रत्न दिया गया था।
इस बार यदि कुछ नए खिलाड़ी पदक हासिल करते हैं तो वे खेल रत्न बनेंगे और यदि भारत को निराशा हाथ लगती है, या पुराने खेल रत्न ही पदक जीतते हैं तो विराट के खेल रत्न बनने की संभावना बन जाएगी। (वार्ता)