आत्मविश्वास से भरी भारतीय टीम गुरुवार को यहां लार्ड्स में दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में एक बार फिर इंग्लैंड पर दबादबा बनाते हुए तीन मैचों की श्रृंखला में विजयी बढ़त बनाने के इरादे से उतरेगी जबकि स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का ग्रोइन की चोट के कारण इस मैच में भी खेलना संदिग्ध है।
लंबे समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे पूर्व भारतीय कप्तान कोहली ग्रोइन की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण पहले वनडे में नहीं खेल पाए थे और अब भी यह स्पष्ट नहीं है कि वह दूसरे मैच के लिए फिट हैं या नहीं।
कोहली के खराब प्रदर्शन का हालांकि सीमित ओवरों के मुकाबले में भारत पर अधिक असर नहीं पड़ा है क्योंकि टीम वनडे और टी20 दोनों में अच्छा प्रदर्शन कर ही है। इंग्लैंड के खिलाफ टी20 श्रृंखला 2-1 से जीतने के बाद भारत ने मंगलवार को पहले वनडे में 10 विकेट की आसान जीत दर्ज की।
कोहली की गैरमौजूदगी का नकारात्मक पक्ष यह है कि देश के शीर्ष बल्लेबाज को दबाव भरे मुकाबलों में ठोस प्रदर्शन करने का मौका नहीं मिल रहा जबकि इसका दूसरा पहलू यह है कि अन्य बल्लेबाजों को खुद को साबित करने का मौका मिल रहा है जैसा सूर्यकुमार यादव ने नॉटिंघम में अंतिम टी20 अंतररष्ट्रीय मैच में शतक जड़कर किया।
हालांकि पहले वनडे में रोहित और शिखर ने ही जीत के लिए जरूरी 111 रन 19 ओवर में ही बना लिए थे और किसी को बल्लेबाजी का मौका भी नहीं मिला था।
दूसरे मैच में कोहली की उपलब्धता के बारे में पूछे जाने पर पहले मैच में भारत की जीत के हीरो रहे तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने कहा, मैं अंतिम टी20 मैच में नहीं खेला और वह (कोहली) आज (मंगलवार) नहीं खेला। मेरे पास उसकी चोट के बारे में अपडेट नहीं है।
कोहली अगर शत प्रतिशत फिट हुए बिना वापसी के लिए जल्दबाजी करते हैं तो ग्रोइन की मांसपेशियों में खिंचाव बड़ी चोट में बदल सकता है।
पहले और दूसरे वनडे में काफी कम दिनों का अंतर है। विराट कोहली के फैंस उम्मीद करेंगे कि वह रविवार को होने वाले तीसरे वनडे में फिट हो जाए क्योंकि वेस्टइंडीज दौरे से विराट कोहली ने बीसीसीआई से आराम की फरमाइश की है।
बीते कुछ सालों में भारत ने काफी कम वनडे मैच खेले हैं। साल 2020 और साल 2021 में कोहली ने 47 की औसत से 431 रन बनाए, जिसमें 5 अर्धशतकीय पारियां शामिल थी और फिर 43 की औसत से 129 रन बनाए, जिसमें 2 बार वह 50 पार पहुंचे।