मुंबई। कप्तान विराट कोहली और नए कोच रवि शास्त्री की जुगलबंदी नए सिरे से परवान चढ़ने वाली है और श्रीलंका दौरे में दोनों अपने तालमेल से टीम को आगे ले जाएंगे। विराट ने कोचों के साथ अपने संबंध को लेकर पूछे जाने पर कहा कि हर किसी का हर किसी के साथ संबंध होता है और आप जीवन के हर पहलू में इस बात के साथ आगे बढ़ते हैं।
विराट और शास्त्री ने श्रीलंका दौरे पर रवाना होने से पूर्व बुधवार को एक स्वर में इस बात पर जोर दिया कि कप्तान और कोच के बीच आपसी समझबूझ होना बहुत जरूरी है और दोनों ने ही मैदान के बाहर के विवादों को सिरे से दरकिनार कर दिया। भारत को श्रीलंका दौरे में 3 टेस्ट, 5 वनडे और 1 ट्वंटी-20 खेलना है। दौरे का पहला टेस्ट 26 जुलाई से गाले में खेला जाएगा। श्रीलंका पहुंचने के बाद भारतीय टीम 2 दिवसीय अभ्यास मैच भी खेलेगी।
भारत के तीसरे सबसे सफल टेस्ट कप्तान बन चुके विराट ने कोचों के साथ अपने संबंध को लेकर पूछे जाने पर कहा कि हर किसी का हर किसी के साथ संबंध होता है और आप जीवन के हर पहलू में इस बात के साथ आगे बढ़ते हैं। मैं इस मामले में इससे ज्यादा बात नहीं करना चाहता।
कप्तान ने कोच की नियुक्ति को लेकर हाल में उठे विवादों पर कहा कि इन विवादों को लेकर मुझ पर कोई दबाव नहीं है। मैदान से बाहर जो कुछ भी हुआ उसका हम पर कोई असर नहीं है। मैं कभी खुद पर अतिरिक्त दबाव नहीं देता। मैंने एक खिलाड़ी के रूप में शुरुआत की थी और आप केवल उसी सीरीज पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, जो आप खेलने जा रहे हैं।
शास्त्री का कोच के रूप में यह पहला दौरा होगा, हालांकि वे पहले भी टीम के साथ निदेशक की भूमिका निभा चुके हैं और कई दौरे कर चुके हैं लेकिन विराट के साथ कोच के रूप में शास्त्री का यह पहला बड़ा इम्तिहान होगा। उनकी नियुक्ति और कोचिंग स्टाफ को लेकर हाल में जिस तरह का विवाद उठ खड़ा हुआ उससे कप्तान और कोच दोनों ही श्रीलंका दौरे में दबाव पर रहेंगे।
कप्तान और कोच के संबंधों को लेकर शास्त्री ने कहा कि मैं इस बात का जवाब 2 हिस्सों में देना चाहूंगा। एक खिलाड़ी के रूप में और एक कोच के रूप में। यकीन मानिए इसमें कोई हितों का टकराव नहीं होगा। पहले एक खिलाड़ी के रूप में जब आप मैच खेलते हैं तो आपकी सोच बिलकुल स्पष्ट होनी चाहिए। आप अपनी एकाग्रता को भंग नहीं होने देना चाहते और इसके लिए आपको एक अच्छे सपोर्ट स्टाफ की जरूरत होती है।
शास्त्री ने कहा कि अब एक कोच के रूप में मेरा काम ठीक यही करना है। मुझे कप्तान को केवल अपनी भूमिका और अपनी टीम के बारे में सोचने के लिए छोड़ना है। उन पर इन दो बातों को लेकर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं होना चाहिए। साथ ही हमें विपक्षी टीम को भी देखना है जिसका हम हमेशा सम्मान करते हैं।
विराट ने शास्त्री के साथ टीम के समीकरणों के बारे में पूछने पर कहा कि आप जानते हैं हमारे बीच पहले से ही अच्छा तालमेल है, क्योंकि इससे पहले हम 3 साल तक एकसाथ काम कर चुके हैं। जब हम पहले एक साथ काम कर चुके हैं तो हमें एक-दूसरे को समझने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
संवाददाता सम्मेलन में नए गेंदबाजी कोच भरत अरुण की नियुक्ति का सवाल उठना था और वह उठा भी, जब शास्त्री से इस बारे में पूछा गया। उन्होंने कहा कि यदि भरत अरुण का नाम कोई और होता तो आप उसे टॉप पर रखते। भारत ने पिछले विश्व कप में गिरे 80 विकेटों में से 77 विकेट लिए थे। मुझे नहीं लगता कि इसके बाद मुझे कोई और कहने की जरूरत है।
टीम की सफलता पर शास्त्री ने कहा कि मैं जब आखिरी बार श्रीलंका गया था तो उसके मुकाबले अब मैं ज्यादा परिपक्व हो चुका हूं। टीम ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है और वह इसकी हकदार है। यदि वे आज नंबर 1 हैं तो इसका श्रेय टीम को जाता है। शास्त्री और अनिल कुंबले जैसे लोग तो आते-जाते रहेंगे।
मैदान के बाहर की अटकलबाजियों पर कप्तान ने कहा कि मेरे हाथ में तो केवल बल्ला रहता है। मैं उसी चीज पर अपना ध्यान केंद्रित करता हूं, जो मेरे हाथ में है और यह मैदान में खेलना है। अटकलबाजियों के बारे में सोचना मेरा काम नहीं है। मेरा काम मैदान में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है और टीम को इसके लिए प्रेरित करना है।
श्रीलंका के पिछले दौरे के लिए विराट ने कहा कि वह दौरा हमारे लिए एक मील का पत्थर था, क्योंकि अगर आप औसत आयु देखें तो वह दौरा हमारे लिए एक शुरुआत जैसा था और तब हमने दिखाया कि हम घर से बाहर भी जीत सकते हैं और हमारे पास घर से बाहर जीतने की संस्कृति भी है। हमने यह भी दिखाया कि हम किसी भी हालात में जीतने की क्षमता रखते हैं। (वार्ता)