मुंबई। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने स्वीकार किया कि चैंपियंस ट्रॉफी विश्व कप से अधिक प्रतिस्पर्धी है जिसमें सीमित शेड्यूल में शीर्ष आठ टीमें एक-दूसरे के आमने सामने होती हैं। कोहली ने इंग्लैंड रवाना होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा का स्तर काफी ऊंचा होता है। विश्व कप में आपको लय में आने के लिए लीग मैच मिलते हैं लेकिन चैम्पियंस ट्रॉफी में पहले ही मैच से अच्छा खेलना पड़ता है। यदि नहीं खेलेंगे तो जल्दी बाहर हो जाएंगे। भारत को पहला मैच 4 जून को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से बर्मिंघम में खेलना है लेकिन कप्तान नहीं चाहते कि गत चैंपियन होने का उनकी टीम कोई अतिरिक्त दबाव ले।
उन्होंने कहा कि पहली चुनौती तो यह है कि हमें यह नहीं सोचना है कि हम खिताब बरकरार रखने जा रहे हैं । जब पिछली बार हम वहां गए थे तो एक युवा टीम के तौर पर खेल का पूरा मजा लेने गए थे और आखिर में खिताब जीत गए। कोहली ने कहा कि 2013 में मिली खिताबी जीत के बाद ऐसी टीम बनी जो अभी तक अच्छा खेलती आई है। मौजूदा टीम में कुछ बदलाव है लेकिन मानसिकता वही है कि अपने खेल का पूरा मजा लेना है।
टेस्ट में हम इसी मानसिकता के साथ शीर्ष पर पहुंचे। कोहली ने कहा कि पिछली चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान सबसे बड़ी खासियत सलामी साझेदारी रही थी। रोहित और शिखर ने पारी का आगाज करते हुए उम्दा प्रदर्शन किया। यह प्रशंसकों और टीम के लिए अच्छा रहा और हमारी चैम्पियंस ट्रॉफी की जीत में अहम भूमिका निभाई।
उन्होंने कहा कि अश्विन और जडेजा ने भी अच्छा प्रदर्शन किया और हम सर्वश्रेष्ठ फील्डिंग टीम थे। हम अपनी ताकतों पर अडिग रहेंगे। कोहली ने यह भी कहा कि टी-20 और वन-डे को मिक्स नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी लोगों के लिए यह अलग अलग है। कुछ लोगों को दोनों प्रारूप पसंद नहीं आते जबकि कुछ को दोनों रास आते हैं। आईपीएल बेहद प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट है जिसमें आप दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के खिलाफ खेलते हैं और चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए यह बेहतरीन तैयारी है। (भाषा)