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वॉर्नर कोहली, गेल, एबी की RCB को क्यों हरा पाए

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इंडियन प्रीमियर लीग के नौंवें संस्करण का खिताब डेविड वॉर्नर की कप्तानी वाली टीम सनराइज़र्स हैदराबाद ने जीतकर सभी को हैरान कर दिया। सनराइज़र्स ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु जैसी मज़बूत टीम को फाइनल में पटखनी दी। 
 
फाइनल मैच से पहले सनराइज़र्स टीम की चर्चा तो थी, लेकिन फेवरेट टीम आरसीबी को ही माना जा रहा था। टॉस पर दारोमदार था, लेकिन वॉर्नर ने टॉस जीतकर ऐसा फैसला लिया जिससे आरसीबी भी खुश हो गई। कोहली ने टॉस बाद कहा कि उन्हें लगा ही नहीं कि टॉस हुआ भी है, क्योंकि वे किसी भी हाल में पहले गेंदबाजी ही करते। 
 
लक्ष्य का पीछा करना आरसीबी की खासियत रही है और वॉर्नर ने उन्हें एक तरह से खुला चैलेंज किया कि, आइए दिखाइए अपनी खासियत। 
 
दोनों टीमों के कप्तानों ने इस पूरे टूर्नामेंट में आगे बढ़कर अपनी टीम को अपने प्रदर्शन से प्रोत्साहित किया, लेकिन फाइनल में परीक्षा थी एक दूसरे से थोड़ा बेहतर होने की और उसमें वॉर्नर आगे रहे। 
 
दोनों टीमों के कप्तानों के बल्ले से आग निकली। युवराज ने एक तेज़ पारी खेली और अगर अंतिम ओवरों में बेन कटिंग ने 15 गेंदों में 39 रनों की झन्नाटेदार पारी खेली तो आरसीबी के लिए क्रिस गेल ने अपना जलवा बिखेरते हुए जीत की राह बनाई। 
 
जब जरूरत थी तब एबी डिविलियर्स, शेन वॉटसन, लोकेश राहुल में से किसी एक ने भी जिम्मेदारी नहीं ली और यही फर्क रह गया और आरसीबी को 8 रनों से हार का सामना करना पड़ा। 
 
जब खिताबी मुकाबले में हार इतनी छोटी हो तो ज़रा सी गलतियां याद आती हैं। जैसे लोकेश राहुल ने वॉर्नर का कैच टपकाया जिस पर एक रन हुआ और बाद में बाय के रूप में आसान चौका जाने दिया।
 
अंत मे सनराइज़र्स हैदराबाद टीम बेहतर साबित हुई और इस जीत का श्रेय पूरी टीम को दिया जाना चाहिए। वॉर्नर ने जिस तरह बिना स्टार की टीम का नेतृत्व करके खितबा जीता है, उसकी जीतनी तारीफ की जाए, कम है।

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