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कोकीन की लत लग गई थी अकरम को, मनौवैज्ञानिक ने बताया संन्यास के बाद ड्रग्स की तरफ झुकाव का कारण

हमें फॉलो करें कोकीन की लत लग गई थी अकरम को, मनौवैज्ञानिक ने बताया संन्यास के बाद ड्रग्स की तरफ झुकाव का कारण
, सोमवार, 31 अक्टूबर 2022 (16:26 IST)
नई दिल्ली: वसीम अकरम ने अपनी कोकीन की लत के बारे में जो चौंकाने वाला खुलासा किया है उससे पता चलता है कि सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी मादक द्रव्यों के सेवन की चपेट में आते हैं, विशेषकर तब जब उन्होंने खेल छोड़ने के बाद के जीवन को लेकर योजना नहीं बनाई हो।

बाएं हाथ के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजों में शामिल अकरम ने अपनी किताब में किए गए खुलासे पर एक पाकिस्तानी खेल चैनल से बात करते हुए कहा कि वह खेल से संन्यास लेने के बाद अपने भविष्य को लेकर स्पष्ट नहीं थे और शायद इसने उन्हें मादक पदार्थों की तरह धकेल दिया।

अकरम का मामला सभी मौजूदा खिलाड़ियों के लिए सबक है कि खेल छोड़ने के बाद के जीवन की तैयारी कैसे की जाए।

क्रिकेटरों सहित शीर्ष भारतीय खिलाड़ियों के साथ काम करने वाली खेल मनोवैज्ञानिक गायत्री वर्तक का कहना है कि एक सक्रिय खिलाड़ी पर भी मादक पदार्थों की चपेट में आने का खतरा रहता है और ऐसा सिर्फ पेशेवर खेल छोड़ चुके व्यक्ति के साथ नहीं है।

जब कोई कोकीन का सेवन करने वाले सक्रिय क्रिकेटर के बारे में सोचता है तो जिंबाब्वे के पूर्व कप्तान ब्रेंडन टेलर का नाम दिमाग में आता है।

इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर क्रिस लुईस को 2009 में कोकीन तस्करी के आरोप में 13 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। उसने हालांकि इसका इस्तेमाल करने से इनकार किया था। उसने स्वीकार किया था कि वह गांजे का सेवन करता था।भारत के पूर्व क्रिकेटर एल शिवरामकृष्णन और ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज शेन वार्न धूम्रपान करते थे लेकिन ड्रग्स नहीं लेते थे।
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गायत्री ने उन संभावित कारणों पर बात की जो वर्तमान और पूर्व दोनों खिलाड़ियों को ड्रग्स के खतरे की ओर आकर्षित करते हैं।

स्वयं भी पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी रही गायत्री ने पीटीआई से कहा, ‘‘एक एलीट खिलाड़ी या काफी उपलब्धियां हासिल करने वाले खिलाड़ियों के जीवन में ट्रेनिंग, यात्रा, टूर्नामेंट के संदर्भ में काफी कुछ हो रहा होता है और अचानक जब आप खेल छोड़ देते हैं तो यह एक बड़ा शून्य पैदा होता है और खिलाड़ियों के लिए अधिकतर इससे निपटना मुश्किल होता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि कभी-कभी उन्होंने यह नहीं सोचा होता कि उस शून्य से बाहर कैसे निकलना है। यही वास्तव में इसका कारण बनता है इसलिए सबसे पहले खेल छोड़ने के बाद की योजना बनानी होगी। कई बार इसकी योजना नहीं बनाई जाती।’’

अकरम के अनुसार उन्होंने खेल छोड़ने के बाद के जीवन की योजना नहीं बनाई थी और अगर उन्होंने ऐसा किया होता तो शायद उन्हें कोकीन की लत नहीं लगती।

अकरम ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता था कि खेल छोड़ने के बाद क्या करना है। मैं एक व्यवसायी नहीं था, मैं एक भारतीय क्रिकेटर नहीं था जिसके पास पर्याप्त वित्तीय सुरक्षा थी और आराम कर सकता था।’’

बाएं हाथ के दिग्गज तेज गेंदबाज रहे अकरम ने ‘ए स्पोर्ट्स’ को बताया, ‘‘मैं अपने भविष्य को लेकर चिंतित था और आपका साथ काफी मायने रखता है लेकिन अंत में अगर मुझे किसी को दोष देना है तो मैं केवल खुद को दोष दूंगा।’’
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गायत्री को लगता है कि संन्यास लेने के समय पर काफी विचार किया जाता है लेकिन अक्सर जीवन में एक खिलाड़ी से एक पूर्व खिलाड़ी के बदलाव पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता।

उन्होंने कहा, ‘‘एक खिलाड़ी के दिमाग में कुछ समय तक निश्चित रूप से संन्यास लेने पर विचार चल रहा होता है यह हमेशा संन्यास के समय के बारे में होता है। यह सिर्फ समय के अलावा भी योजना होनी चाहिए, आपको इस बारे में भी विचार करना चाहिए कि आप अपनी पहचान में बदलाव से कैसे निपटेंगे।’’गायत्री ने कहा, ‘‘एक सक्रिय क्रिकेटर से एक पूर्व क्रिकेटर तक। आपके दैनिक जीवन में क्या बदलाव होने जा रहे हैं? आपकी कौन सी नई दिनचर्याएं होंगी। यदि आप ऐसा करते हैं तो जीवन में ऐसा शून्य आने की संभावना बहुत कम हो जाती है और इसलिए इससे जुड़ा जोखिम भी कम हो जाता है।(भाषा)

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