जयपुर। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर (Wasim Jafar) का कहना है कि जब शिखर धवन (Shikhar Dhawan) का टीम इंडिया में चयन हुआ तो वह भी इसके बेहद करीब थे। मैंने मौका गंवा दिया, जिसका मुझे आज तक मलाल है।
जाफर को घरेलू क्रिकेट का दिग्गज माना जाता है। उन्होंने 260 प्रथम श्रेणी मैचों में 19,000 से ज्यादा रन बनाए हैं। इस दौरान उनका औसत 50.67 रहा है और उनका सर्वाधिक स्कोर 314 है। भारत के लिए 31 टेस्ट मैच में उन्होंने 34.11 के औसत से 1944 रन बनाए हैं।
जाफर ने स्पोटर्सटाइगर के शो 'ऑफ द फील्ड' पर कहा, 2012-13 में जब शिखर का टीम इंडिया में चयन हुआ तो मैं भी इसके काफी करीब था। लेकिन मैंने मौका गंवा दिया। चयनकर्ता इस बारे में जबाव देने के लिए उपयुक्त व्यक्ति हैं।
उन्होंने कहा, मैं निरंतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था। अगर मैं ऐसा करता तो 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेलता। मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा निरंतर नहीं था, इसलिए मुझे बाहर कर दिया गया। मैं अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की तुलना में अपने प्रथम श्रेणी करियर की वजह से ज्यादा मशहूर रहा।
जाफर ने इस साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था उन्हें उत्तराखंड टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा, यह काफी अच्छा है और मेरे लिए नया है। मैंने कोचिंग की है लेकिन मुख्य कोच के तौर पर नहीं। मैंने बल्लेबाजी सलाहकार के रूप में काम किया है और थोड़ा बहुत कोचिंग में मदद की है। लेकिन पूरी टीम को साथ लेकर चलना काफी चुनौतीपूर्ण है। हालांकि मैं इसके लिए तैयार हूं।
जाफर ने अपने रणजी करियर का लंबा समय मुंबई के साथ बिताया लेकिन करियर के आखिरी समय वह विर्दभ की टीम में शामिल हुए। उन्होंने कहा, मुझे ऐसे संकेत मिल रहे थे कि युवाओं को टीम में शामिल किया जाएगा और चयनकर्ता शायद मुझे कुछ प्रारुप से बाहर कर दें। यह अच्छा था कि मैंने विर्दभ के लिए खेलने का फैसला लिया था।
पूर्व बल्लेबाज ने भारत के घरेलू सत्र पर कहा, ईमानदारी से कहूं तो हमारा घरेलू क्रिकेट अन्य देशों की तुलना में खराब नहीं है। लेकिन हमें हर साल इसके प्रारुप में लगातार कुछ बदलाव करने की जरुरत है।
जाफर का मानना है कि आईपीएल बहुत महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है क्योंकि इससे राजस्व लाभ होता है और प्रदर्शन करने के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। उन्होंने कहा, आईपीएल के प्रदर्शन पर किसी खिलाड़ी को टेस्ट क्रिकेट में शामिल करना गलत है। मेरे ख्याल से अगर अगर कोई खिलाड़ी आईपीएल में अच्छा खेलता है तो उसे सीमित ओवर के क्रिकेट में जगह मिलनी चाहिए।