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जब गाबा में बंगाल टाइगर की दहाड़ से सिहर गए थे 11 कंगारू (वीडियो)

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, बुधवार, 13 जनवरी 2021 (20:02 IST)
क्रिकेट कमेंटेटर से कई बार आपने सुना होगा" कैप्टन लीडिंग फ्रॉम द फ्रंट", इसका अर्थ होता है कि टीम का कप्तान अपनी टीम के लिए एक उदाहरण पेश करता है खासकर तब जब परिस्थितियां मुश्किल हों।
 
साल 2003 में जब भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा करा था तो वह कई कड़वी यादें लेकर विदेशी जमीन पर उतरी थी। पिछला दौरा भारत के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था, उस दौरे पर कुछ अनचाही घटनाएं भी घटी थी।
 
कप्तान सौरव गांगुली की अगुवाई में भारतीय टीम को पहला टेस्ट ब्रिसबेन के गाबा में खेलना था। यह भारतीय टीम के लिए एक बड़ी चुनौती थी। सौरव गांगुली तब तक विश्व क्रिकेट में एक आक्रामक कप्तान की छवि बना चुके थे और हर हाल में जाते थे कि टीम इंडिया की शुरुआत अच्छी हो।
 
4 दिसंबर साल 2003 को भारत और ऑस्ट्रेलिया का पहला टेस्ट मैच ब्रिसबेन के गाबा में शुरू हुआ। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में  323 रन बनाए। भारत की गेंदबाजी पहले के दौरों की तुलना में ठीक रही, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती थी ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजी का मुकाबला भारतीय बल्लेबाजी क्रम कैसे करेगी।
 
भारत ने पहली पारी में अपने शुरुआती 3 विकेट मात्र 63 रन पर गंवा दिए बल्लेबाजी के लिए उतरे कप्तान सौरव गांगुली। सौरव को पता था कि यह दौरा बहुत मुश्किल होने वाला है अच्छी कप्तानी दिखाने से पहले पूरी टीम के सामने अच्छी बल्लेबाजी का उदाहरण पेश करना पड़ेगा और उस दिन उन्होंने वही किया।
 
वीरेंद्र सहवाग ,सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के विकेट गंवाने के बाद सौरव ने मोर्चा संभाला। शुरुआती गेंद को संभाल कर खेलने के बाद उन्होंने ऑफ साइड पर दर्शनीय शॉट लगाने शुरू किए।
 
जेसन गिलेस्पी और एंडी बिकेल जैसे उच्च कोटि के गेंदबाजों पर उन्होंने जिस आत्मविश्वास से बल्लेबाजी करी उससे टीम में नया जोश भर गया।सौरव गांगुली ने 196 गेंदों में 144 रन बनाए जिसमें 18 चौके शामिल थे। कप्तानी पारी के बदौलत ही भारत ऑस्ट्रेलिया पर 86 रनों की बढ़त ले पाया।
 
गबा में खेली गई या पारी आज भी किसी मेहमान कप्तान द्वारा खेली गई सबसे बेहतरीन पारियों में गिनी जाती है, देखिए इस शतकीय पारी के कुछ आकर्षक शॉट्स-
ब्रिस्बेन में खेला गया या टेस्ट मैच ड्रॉ रहा लेकिन इस पारी के बाद टीम इंडिया का आत्मविश्वास आसमान छूने लगा जब यह बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खत्म हुई तो ऑस्ट्रेलिया बमुश्किल सीरीज ड्रॉ करा पाई और ट्रॉफी भारत के पास ही रही क्योंकि इससे पहले ऑस्ट्रेलिया भारत में टेस्ट सीरीज हार चुकी थी। (वेबदुनिया डेस्क)

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