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बदमाश मुझ पर उंगली उठा रहे हैं, स्टैंड से अजहरुद्दीन का नाम हटाने पर बवाल, कहा कोर्ट जाऊंगा

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WD Sports Desk

, रविवार, 20 अप्रैल 2025 (18:22 IST)
भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन (Mohammad Azharuddin) राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के उत्तरी स्टैंड से उनका नाम हटाने के हैदराबाद क्रिकेट संघ (HCA) के लोकपाल के आदेश पर रोक लगाने के लिए तेलंगाना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रहे हैं। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) वी ईश्वरैया ने एचसीए (Hyderabad Cricket Association) की सदस्य इकाइयों में से एक लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब द्वारा दायर याचिका के आधार पर यह निर्णय लिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि अजहरुद्दीन ने मनमाने फैसले लेकर तत्कालीन एचसीए अध्यक्ष के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया। न्यायमूर्ति ईश्वरैया एचसीए के आचरण अधिकारी भी हैं।
 
याचिका में आरोप लगाया गया है कि 99 टेस्ट और 334 एकदिवसीय मैच खेलने वाले अजहर ने दिसंबर 2019 में उत्तरी स्टैंड का नाम अपने नाम पर रखने के प्रस्ताव को पारित कराने के लिए पूर्व एचसीए अध्यक्ष के रूप में शीर्ष परिषद की बैठक में बैठकर एचसीए के नियमों का उल्लंघन किया।
 
एचसीए संविधान के अनुसार किसी प्रस्ताव को आम सभा (AGM) द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक है।


अजहरुद्दीन ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं निश्चित रूप से कानूनी सहारा लूंगा और इस आदेश पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय में अपील करूंगा। यह शर्म की बात है कि एक भारतीय कप्तान का नाम हटाने के लिए कहा जा रहा है।’’
 
पूर्व भारतीय कप्तान ने लोकपाल के आदेश की वैधता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उनका कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है।
 
अजहर ने कहा, ‘‘संघ के उपनियमों के अनुसार, लोकपाल/आचरण अधिकारी का कार्यकाल एक वर्ष का होता है। इस मामले में लोकपाल का कार्यकाल 18 फरवरी 2025 को समाप्त हो गया था और उस अवधि के बाद पारित कोई भी आदेश अमान्य है।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें सेवा विस्तार नहीं मिला है जो केवल एजीएम के दौरान दिया जा सकता है जो नहीं हुआ है। तो फिर उन्होंने आदेश कैसे पारित किया।’’

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इस 62 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर ने आरोप लगाया कि उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि कुछ एचसीए अधिकारी उनके अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान भ्रष्ट आचरण में लिप्त नहीं हो सके।
 
अजहर को सितंबर 2019 में एचसीए अध्यक्ष चुना गया था और उनका कार्यकाल सितंबर 2023 में समाप्त हो गया था। उनके विवादास्पद कार्यकाल के दौरान उच्चतम न्यायालय ने फरवरी 2023 में संघ के मामलों का प्रबंधन करने के लिए न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की एक सदस्यीय समिति नियुक्त की थी।
 
विपक्षी गुट ने आरोप लगाया कि अजहरुद्दीन से जुड़े लोग आयु वर्ग की टीमों में चयन घोटाले में शामिल थे। इस आरोप का 15000 से अधिक रन बनाने वाले इस पूर्व क्रिकेटर ने खंडन किया।
 
अजहर ने कहा, ‘‘ऐसे बदमाश जिन्होंने कभी हाथ में बल्ला नहीं पकड़ा, मुझ पर उंगली उठा रहे हैं। अगर वे स्टैंड से मेरा नाम हटाना चाहते हैं, जिस व्यक्ति ने भारत के लिए 433 मैच खेले हैं, तो आप शिवलाल यादव (पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर) का नाम भी हटा सकते हैं, उनका नाम भी तब दिया गया जब वे खुद एचसीए के अध्यक्ष थे।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘आप आबिद अली, टाइगर पटौदी और एमएल जयसिम्हा के नाम हटा दें। यह एक ऐसा संघ है जो खिलाड़ियों का सम्मान नहीं करता। और लोकपाल किसकी याचिका पर कार्रवाई कर रहा है? उस क्लब (लॉर्ड्स क्रिकेट क्लब) की जिसमें कोई पारदर्शिता नहीं है कि इसका असली मालिक कौन है और इसे कौन चलाता है।’’
 
एक अन्य आरोप उत्तरी स्टैंड से वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) का नाम हटाकर उस पर अपना नाम लिख देने का था।

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अजहर ने स्पष्ट किया, ‘‘क्या मैं मूर्ख हूं कि लक्ष्मण जैसे दिग्गज का नाम स्टैंड से हटा दूं जो हमारे क्षेत्र से 100 से अधिक टेस्ट मैच खेलने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं? उत्तरी स्टैंड में पवेलियन का नाम लक्ष्मण के नाम पर है और यह अभी भी वहां है, आप जांच कर सकते हैं।’’
 
जब एचसीए के एक अधिकारी से पूछा गया कि अजहरुद्दीन और शिवलाल के लिए अलग-अलग नियम क्यों हैं तो उन्होंने जवाब दिया, ‘‘शिव के मामले में उन्होंने इस स्टेडियम के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उन्होंने एचसीए की आम सभा से उचित मंजूरी के बाद स्टैंड पर अपना नाम लिखवाया था।’’
 
उन्होंने कहा, ‘अजहर के मामले में, उन्होंने कभी आम सभा से संपर्क नहीं किया क्योंकि उन्हें पता था कि उनके पास इसे मंजूरी दिलाने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है।’’  (भाषा)
 

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