बारबाडोस। वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड देश के शीर्ष क्रिकेटरों के साथ वेतन विवाद को लेकर अस्थाई समाधान पर पहुंच गया है जिसके बाद क्रिस गेल और सुनील नारायण जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की राष्ट्रीय टीम में वापसी भी तय हो गई है।
वेस्टइंडीज के लगभग सभी शीर्ष खिलाड़ियों का क्रिकेट वेस्टइंडीज (सीडब्ल्यूआई) के साथ पिछले कुछ वर्षों से विवाद चल रहा था और इसी के चलते वर्ष 2014 में टीम ने भारत दौरा बीच में ही विरोध स्वरूप छोड़ दिया था। बोर्ड इसके बाद से केवल उन्हीं खिलाड़ियों का चयन कर रहा है जो घरेलू क्रिकेट खेलते हैं। इस नीति के कारण देश के लगभग सभी दिग्गज खिलाड़ी टीम से बाहर हो गए हैं जो दुनियाभर की विभिन्न ट्वंटी 20 लीगों में खेलते हैं।
सीडब्ल्यूआई ने एक बयान में बताया कि खिलाड़ियों के साथ वेतन विवाद को सुलझाने के लिए एक करार तैयार कर लिया गया है जो अधिक मिलाजुला और खिलाड़ियों और बोर्ड के संबंधों को बेहतर बनाने का काम करेगा ताकि खिलाड़ी विंडीज टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकें।
इस करार से क्रिस गेल, सुनील नारायण, ड्वेन ब्रावो, कीरोन पोलार्ड और सैमुअल बद्री जैसे खिलाड़ी जो फिलहाल विभिन्न देशों में ट्वंटी 20 लीगों में खेलते हैं वे राष्ट्रीय टीम के लिए 50 ओवर प्रारूप में खेल सकेंगे। सीनियर खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में वेस्टइंडीज का सीमित ओवर प्रारूप में प्रदर्शन काफी खराब हो गया है और वह इसी वर्ष हुई चैंपियंस ट्राफी तक के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर सकी थी।
वेस्टइंडीज फिलहाल दुनिया में नौवें नंबर की वनडे टीम है और उसके सामने फिलहाल 2019 विश्वकप में स्वत: क्वालीफाई नहीं कर पाने का खतरा मंडरा रहा है। बोर्ड के मुख्य कार्यकारी जॉनी ग्रेव ने कहा हम यह जानते हैं कि फिलहाल विश्वकप के लिए हमारा खुद ही क्वालीफाई करना काफी मुश्किल है।
उन्होंने कहा ऐसे में हम क्वालीफाई टूर्नामेंट पर ध्यान देंगे क्योंकि अगले छह महीने में हमें इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के साथ केवल आठ वनडे मैच ही खेलने हैं। उन्होंने कहा हमारे लिए यह जरूरी है कि हम विंडीज टीम के लिए सबसे अच्छे खिलाड़ियों को उपलब्ध कराएं जो इन अहम मैचों में हमारे लिए अच्छा खेल सकें। (वार्ता)