यौन उत्पीड़न के मामले में फंसे क्रिकेटर यश दयाल को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से राहत मिली है। अदालत ने इस मामले में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
अदालत ने मौखिक टिप्पणी की है कि पांच साल से महिला और यश दयाल रिलेशनशिप में थे, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि शादी का झांसा देकर संबंध बनाए गए हैं। वहीं राज्य सरकार की ओर से यश दयाल की अर्जी का विरोध किया गया। कोर्ट ने पीड़िता को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है और राज्य सरकार को भी जवाब दाखिल करने को कहा है।
यश दयाल के अधिवक्ता गौरव त्रिपाठी ने अदालत में अपने मुवक्किल का पक्ष रखा। उनके मुताबिक चार से छह हफ्ते बाद इस मामले पर अगली सुनवाई होगी। इस पूरे मामले की सुनवाई न्यायाधीश सिद्धार्थ वर्मा और न्यायाधीश अनिल कुमार दशम की डिवीजन बेंच में हुई।
गौरतलब है कि क्रिकेटर यश दयाल के खिलाफ छह जुलाई को गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में एक महिला ने एफआईआर दर्ज कराई थी। यह एफआईआर बीएनएस की धारा 69 के तहत दर्ज की गयी। यश दयाल ने अपने खिलाफ हुई एफआईआर को रद्द करने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शरण ली। याचिका में राज्य सरकार, इंदिरापुरम थाने के एसएचओ और पीड़िता को पक्षकार बनाया गया है।(एजेंसी)