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लगातार 5 छक्के खाने के बाद ताने सुनने वाले यश को राष्ट्रीय टीम में जगह मिलने से परिवार गौरवान्वित

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WD Sports Desk

, मंगलवार, 10 सितम्बर 2024 (12:38 IST)
(Credit :Yash Dayal Instagram)

Yash Dayal Inclusion in Team India Squad against Bangladesh : चंद्रपाल दयाल ने लगभग एक साल तक दोपहर में अपने घर से बाहर निकलना छोड़ दिया था क्योंकि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में उनके बेटे यश दयाल के खिलाफ रिंकू सिंह (Rinku Singh) के बल्ले से निकले लगातार 5 छक्कों के बाद उन्हें स्कूल के बच्चों के ताने सुनने पड़ते थे।
 
प्रयागराज के कर्बला मस्जिद के पास स्थित उनके घर के पास से दोपहर के समय जब स्कूल की बस गुजरती थी जो बच्चे ‘रिंकू सिंह.... रिंकू सिंह .... पांच छक्के.....पांच छक्के’ का नारा लगाते हुए जाते थे।
 
बच्चों का यह बर्ताव चंद्रपाल को अहमदाबाद की उस निराशाजनक शाम की यादों को ताजा कर देता था। इस एक ओवर के बाद जहां रिंकू सिंह राष्ट्रीय नायक बन कर उभरे वही यश दयाल को चुनौतीपूर्ण समय का सामना करना पड़ा था।
 
इलाहाबाद में महालेखाकार कार्यालय के सेवानिवृत्त अधिकारी चंद्रपाल की आवाज 2023 की उस घटना को याद कर रुंध गई। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे लिए वो एक हादसा था।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘ जब भी यहां से स्कूल बस गुजरती तो बच्चे चिल्लाते थे, ‘रिंकू सिंह, रिंकू सिंह, पांच छक्के।’ यह बहुत पीड़ादायक था - मेरे बेटे के साथ ऐसा क्यों हुआ?’’

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खेल हालांकि हमेशा वापसी का मौका देता है और बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की घरेलू टेस्ट श्रृंखला की टीम में यश दयाल को जगह मिलने के बाद उनका परिवार गर्व से भर गया है।
 
यश ने सोशल मीडिया से लेकर सामान्य जीवन में निराशा को पीछे छोड़ राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई। यह उनकी काबिलियत पर मुहर है कि उन्हें खलील अहमद (Khalil Ahmed) और अर्शदीप सिंह (Arshdeep Singh) जैसे सीमित ओवरों के नियमित तेज गेंदबाजों पर तरजीह दी गई है।
 
चंद्रपाल ने कहा, ‘‘ यश निराशा के कारण एकांत में रहने लगे थे और उनकी मां राधा इतनी परेशान हो गईं कि वह बीमार पड़ गईं। उन्होंने खाना खाने से इनकार कर दिया। गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) ने भी उन्हें रिलीज कर दिया और उसके सामने फिर से करियर बनाने की चुनौती थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इस दौरान यश भी बीमार पड़ गया था लेकिन हमने उसे कभी हार मानने के बारे में सोचने नहीं दिया। हमने, एक परिवार के रूप में, एक प्रतिज्ञा करते हुए यश से कहा, ‘जब तक तुम (यश) भारत के लिए नहीं खेलेंगे, हम डटे रहेंगे।  तुम्हें हार नहीं माननी है और भारत के लिए खेल कर रहना है।’’      
 
उन्होंने गर्व से भरी आवाज में कहा, ‘‘ मैं और मेरा परिवार उसे यह सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करते रहेंगे कि वह कभी हार मानने के बारे में न सोचे। और आज सब कुछ आपके सामने हैं।’’
 
चंद्रपाल ने स्टुअर्ट ब्रॉड (Stuart Broad) का उदाहरण देते हुए कहा कि इंग्लैंड का यह गेंदबाज ओवर में 6 छक्के खाने के बाद 600 टेस्ट विकेट चटकाने में सफल रहा।
 
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने यश को समझाया कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, और यह आखिरी बार भी नहीं होगा। युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने स्टुअर्ट ब्रॉड पर छह छक्के मारे और ब्रॉड सर्वकालिक महान गेज गेंदबाजों में से एक बन कर उभरे।’’
 
दयाल की कहानी जज्बे और धैर्य की मिसाल है जो यह साबित करती है कि सफलता की आवाज असफलता से कहीं अधिक होती है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘एक पिता के लिए इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता। किसी भी क्रिकेटर के लिए टेस्ट में देश का प्रतिनिधित्व करना सबसे बड़ा सपना होता है। यह हमारे लिए, हमारे परिवार के लिए और हमारे दोस्तों के लिए बहुत बड़ा दिन है। इसका पूरा श्रेय यश जाता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैंने कितनी भी कोशिश की होगी, यह उनका प्रयास ही था जिसने उन्हें आज यहां तक पहुंचाया है।’’
 
यश ने आईपीएल 2024 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (Royal Challengers Bengaluru) का प्रतिनिधित्व किया और 14 मैचों में 15 विकेट झटके। उन्होंने दलीप ट्रॉफी (Duleep trophy) मैच में इंडिया बी की इंडिया ए पर 76 रन की जीत में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने दूसरी पारी में मयंक अग्रवाल, रियान पराग और ध्रुव जुरेल के विकेट चटकाए और दबाव में शानदार गेंदबाजी का नमूना पेश किया।
 
यश के लिए हालांकि भारतीय एकादश में जगह बनाना आसान नहीं होगा क्योंकि घरेलू मैदान पर टीम आमतौर पर दो तेज गेंदबाजों के साथ उतरती है। मोहम्मद सिराज (Mohammed Siraj) अगर चोट से उबरने में नाकाम रहे तो यश को मौका मिल सकता है।  (भाषा) 

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