लखनऊ। तंगहाली का सामना करने को विवश उत्तर प्रदेश के अतिपिछड़े बुंदेलखंड की दशा सुधारने की जद्दोजहद कर रही योगी आदित्यनाथ सरकार साहसिक खेलों को बढ़ावा देकर इलाके को पर्यटन क्षेत्र के तौर पर विकसित करेगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चित्रकूट में देवागना पहाड़ी पर सितंबरर से पैरा ग्लाइडिंग शुरू करने का प्रस्ताव है जबकि झांसी के पहुज और महोबा के निर्मल बांध पर वाटर स्कीइंग और नौकायन शुरू किया जाएगा। चित्रकूट की लक्ष्मण पहाड़ी में रोपवे बनाने के प्रस्ताव को पहले ही सरकार की हरी झंडी मिल चुकी है।
उन्होंने बताया कि बांदा के एतिहासिक कांलिजर किले के पास रात्रि ठहराव और बुंदेलखंड के कश्मीर कहे जाने वाले चरखारी को पर्यटन क्षेत्र के तौर पर विकसित करने की योजना है।
इस बारे में योजना तैयार कर खेल विभाग के पास सलाह के लिए भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुंदेलखंड को पर्यटन क्षेत्र के तौर पर विकसित करने के प्रस्ताव पर पहले ही अपनी सहमति दे चुके हैं।
सूबे की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि बुंदेलखंड के विभिन्न जिलों के लिए एक हजार करोड़ रुपए की योजना है जिसके जरिये इलाके में पर्यटन की संभावनाओं को विकसित किया जाएगा।
उन्होने कहा कि विविधताओं से परिपूर्ण बुंदेलखंड इतिहास, पुराण और प्राकृतिक सुंदरता का अनूठा संगम है। क्षेत्र में पर्यटन के विकास के जरिये रोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे। प्राकृतिक आपदाओं से जूझते बुंदेलखंड के बाशिंदो के लिए सरकार का यह कदम राहत लेकर आयेगा।
मान्यताओं के अनुसार भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के दौरान चित्रकूट में ठहरे थे। इस नाते प्रस्तावित रामायण सर्किट के तहत चित्रकूट एक महत्वपूर्ण केन्द्र है। हालांकि सरकार मिर्जापुर और बिठूर के भी विकास का खाका खींच चुकी है। मिर्जापुर में अष्टभुजा और कालीकोह मंदिर के बीच रोपवे बनाने का प्रस्ताव है। (वार्ता)