तिरूवनंतपुरम: भारत और श्रीलंका के बीच यहां रविवार को तीसरे और अंतिम वनडे में दर्शकों की कम संख्या ने 50 ओवर के प्रारूप की प्रासंगिकता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं और पूर्व स्टार युवराज सिंह ने भी इस पर चिंता व्यक्त की।
हालांकि भारत ने श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे श्रृंखला में पहले ही 2-0 से अजेय बढ़त बना ली है जिससे तीसरा वनडे के परिणाम का सीरीज के नतीजे पर असर नहीं पड़ेगा।
पर भारत को इस साल के अंत में वनडे विश्व कप की मेजबानी करनी है और ग्रीनफील्ड अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में इतनी संख्या में दर्शकों की गैर मौजूदगी देखने में अच्छी नहीं लगी।
भारत की 2011 विश्व कप वजेता टीम के नायक युवराज ने ट्विटर पर तब पूछा जब शुभमन गिल विराट कोहली (नाबाद 166 रन) के साथ अपना शतक पूरा कर चुके थे। उन्होंने कहा, लेकिन मुझे चिंता इस बात की है कि आधा स्टेडियम खाली है? क्या वनडे क्रिकेट खत्म हो रहा है?
वहीं स्टेडियम में इससे पहले हुआ एकमात्र वनडे - 2018 में भारत और वेस्टइंडीज के बीच हुआ बारिश से प्रभावित मैच – दर्शकों से खचाखच भरा था लेकिन रविवार को यहां स्थानीय दर्शकों के कम पहुंचने से यह खाली लग रहा था।
रविवार को मैच देखने केवल 20,000 दर्शक पहुंचे जबकि इसकी क्षमता 38,000 दर्शकों की है।केरल क्रिकेट संघ के मीडिया मैनेजर कृष्णा प्रसाद ने इसके लिये कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया जिसमें वनडे को लेकर लोगों की दिलचस्पी में कमी भी शामिल है।
प्रसाद ने पीटीआई से कहा, हमने कभी भी आधा खाली स्टेडियम नहीं देखा। इसके पीछे कई कारण हैं। अब हमें वनडे में ज्यादा लोगों की दिलचस्पी नहीं दिखती।
उन्होंने कहा, और ऊपर से कोलकाता में श्रृंखला का नतीजा भी निकल चुका था जिससे भारत ने 2-0 की अजेय बढ़त बना ली थी। फिर प्रतिद्वंद्वी टीम भी श्रीलंका थी तो ज्यादातर लोग स्टेडियम नहीं आये।
मैच के टिकटों की कीमत 1000 और 2000 रूपये थी।प्रसाद ने कहा, वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच के दौरान एक भी टिकट नहीं बचा था। यह बारिश से प्रभावित मैच रहा था और मैच के पूरे 50 ओवर देखने को भी नहीं मिले थे, फिर भी स्टेडियम लोगों से भरा था।
ईडन गार्डन्स को छोड़कर इस पूरी श्रृंखला में काफी कम दर्शक मैच देखने पहुंचे। कोलकाता में 55,000 लोगों ने मैच देखा था। गुवाहाटी में काफी संख्या में लोग मैच देखने पहुंचते हैं, लेकिन वहां भी स्टेडियम पूरा नहीं भरा था।
बारसापारा स्टेडियम 38,000 दर्शकों की क्षमता वाला है जिसमें 25,000 दर्शक पहुंचे थे। असम क्रिकेट संघ (एसीए) ने इसके लिये टिकटों की ऊंची कीमत को जिम्मेदार माना था और फिर मैच हफ्ते के बीच में हुआ था। इसमें टिकटों की कीमत 1500 से 5000 रूपये तक थी।(भाषा)