इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के धमाकेदार आगाज के बाद अब विभिन्न देशों की ट्वेंटी-20 टीमों की चैम्पियन्स लीग कराने की तैयारी की जा रही है। चैम्पियन्स लीग के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अधिकारियों और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया, क्रिकेट साउथ अफ्रीका, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड तथा इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत का दौर शुरू हो चुका है।
चैम्पियन्स लीग सितम्बर में होने वाली आईसीसी चैम्पियन्स ट्रॉफी और नौ अक्टूबर से शुरू हो रही भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सिरीज के बीच के समय में आयोजित की जा सकती है।
आईपीएल के अध्यक्ष ललित मोदी के आईपीएल के बाद चैम्पियन्स लीग के अभियान में जुटने की उम्मीद है। एक अधिकारी के अनुसार चैम्पियन्स लीग पर अनौपचारिक रूप से काफी विचार-विमर्श होने के साथ-साथ कई फैसले भी लिए जा चुके हैं।
संबंधित क्रिकेट बोर्डों के अधिकारी इस लीग को आठ मैच और एक फाइनल के साथ नौ दिन में खत्म करने के इच्छुक हैं। इस मामले पर अब तक हुई बातचीत का यह निष्कर्ष निकला है कि चैम्पियन्स लीग शुरुआत में छोटे पैमाने पर होगी और इसमें पाँच देशों की शीर्ष दो ट्वेंटी-20 टीमें हिस्सा लेंगी।
अधिकारी ने बताया कि हर कोई आगे दिखना चाहता है और दिलचस्पी की कोई हद नहीं है मगर यह भी विचार का विषय है कि कितने देशों को चैम्पियन्स लीग में शामिल किया जाए। सम्बन्धित क्रिकेट बोर्ड चैम्पियन्स ट्रॉफी की राह में आने वाली बाधाओं से भी वाकिफ है। मसलन आईपीएल की टीमों में शामिल कई विदेशी खिलाड़ी चैम्पियन्स लीग में अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व करते दिखेंगे। ऐसे में टीमों में सामंजस्य बैठाने में दिक्कत होगी।
मिसाल के तौर पर आईपीएल की कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग और वेस्टइंडीज के कप्तान क्रिस गेल शामिल हैं। अगर वे चैम्पियन्स लीग में खेले तो उन्हें अपने-अपने देश की किसी टीम की ओर से मैदान में उतरना होगा।
अधिकारी ने बताया कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया चैम्पियन्स लीग के प्रबल समर्थकों में से एक है और जरूरत पड़ने पर वह अपने खिलाड़ियों को इस लीग में खेलने देने के लिए जरूरी समायोजन कर सकता है।