क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) अब इस बात की तैयारियों में जुटा है कि क्रांतिकारी एवं अब तक अछूते रात और दिन के टेस्ट मैच की शुरूआत की जाए।
रात की रोशनी और खिलाड़ियों रंगीन पोशाकों से एकदिवसीय क्रिकेट और हाल में शुरू किए गए ट्वेंटी-20 के प्रारूप ने इस क्रिकेट खेल को एक अलग चमक दी है, लेकिन 130 साल के इस खेल के इतिहास में पाँच दिन का यह प्ररूप इस तरह के आधुनिकीकरण से अब तक अछूता रहा है।
सीए के मुख्य कार्यकारी जेम्स सदरलैंड ने कहा कि हम इस नए विचार को अभी परख रहे हैं और इसके स्वरूप को कुछ नया रूप देने पर काम कर रहें हैं।
'द ऑस्ट्रेलियन' अखबार में सदरलैंड के हवाले से कहा गया सच्चे अर्थो में अगर देखा जाए तो इसका कोई भी वाजिब कारण नहीं है कि हम रात और दिन का टेस्ट मैच क्यों नहीं शुरू कर सकते। ट्रायल के लिए ही सही पर शुरू तो किए ही जा सकते है। यह कोई जरूरी नहीं है सभी टेस्ट रात और दिन में ही हों।
उन्होंने कहा कि हमें लगातार इसकी संभावनाएँ तलाशनी होंगी और इसके लिए लगातार काम करना होगा। सदरलैंड ने कहा कि यह कदम इस खेल के उन रूढीवादी विचारधारा के लोगों को परेशान कर सकता है, जो इस तरह की बात सुनते ही तलवार अपनी म्यान से बाहर निकाल लेते है, लेकिन बहुत से लोगों का मानना है कि एक दिवसीय और ट्वेटी-20 की तरफ खिंचते दर्शकों को देखते हुए टेस्ट मैचों के लिये यह विचार बुरा नहीं है।
सीए के मुख्यकार्यकारी का कहना है कि तीन साल के भीतर ऑस्ट्रेलिया में ट्रायल के तौर पर रात और दिन के टेस्ट मैच शुरू कर दिए जाएँगे।
अधिकारीगण इस रात और दिन के मैच के लिए दोपहर 2 से रात 9 या 3 से 10 बजे तक का समय निर्धारित करने की संभावना तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह वह समय है जब ज्यादा से ज्यादा लोग ग्राउंड पर या टेलीविजन पर इसके मैच देख सकेंगे।
सदरलैंड का दावा है कि दुनियाभर में टेस्ट मैचों को देखने आने वालों की संख्या दिन पर दिन पर घटती जा रही है जबकि वन डे और अब ट्वेंटी-20 के मैचों को देखने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा दक्षिण अफ्रीका में हाल ही में पहली बार हुए ट्वेंटी-20 विश्व कप ने उम्मीद से ज्यादा सफलता हासिल की है।