भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए अब विदेशी कोचों पर निर्भर नहीं रहना चाहती और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) को योग्य कोचों को सामने लाने की जिम्मेदारी सौंपकर इस दिशा में प्रयास भी शुरू कर दिए हैं।
अंडर 17 खिलाड़ियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर यहाँ एनसीए के निदेशक (कोचिंग) लालचंद राजपूत ने कहा कि हमारा लक्ष्य विदेशी कोचों की नियुक्ति से परहेज बरतना है और साथ ही देश के चुने हुए कोचों को प्रशिक्षण देना भी है।
उन्होंने कहा कि एनसीए ने कोचों के लिए एक दिशा निर्देश के साथ सामने आने का भी निर्णय लिया है। इस दिशा निर्देश का मसौदा तैयार है और इसे बोर्ड के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा
राजपूत ने कहा कि अभीतक हम कोचिंग के मामले में दूसरे देशों के दिशा निर्देशों से प्रभावित होते थे, लेकिन अपने कोचिंग दिशा निर्देशों के बाद हमारे पास खुद ही अपने बेहतरीन कोच होंगे।
उन्होंने कहा कि कोचों का कोचिंग देने वालों की संख्या बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व शीर्ष खिलाड़ी और प्रशिक्षकों की इसके लिए पहचान कर ली गई है साथ ही यह भी निर्णय किया गया है कि फिजियो, प्रशिक्षक और अन्य सहयोगी कर्मचारी भी देश के ही हो।
अपनी जाँच के आखिरी दिन समिति ने उत्तर पश्चिमी सरहदी सूबे के तीन जिला क्रिकेट संघों के अधिकारियों के बयान लिए। समिति ने जिन अधिकारियों से बातचीत की वे हैं विसल मोहम्मद दुर्रानी (पेशावर), आमिर नवाब (अबोटाबाद) और मतिउल्ला (स्वाबी)।
समिति के अध्यक्ष एजाज बट्ट और सदस्य सलाहुद्दीन अहमद और सलीम अल्ताफ हैं। पीसीबी के निदेशक (क्रिकेट ऑपरेशंस) अल्ताफ भी इस समय विदेश में हैं।