पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जावेद मियाँदाद ने डॉ. नसीम अशरफ के कार्यकाल में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) में धाँधली होने का आरोप लगाते हुए नवनिर्वाचित राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से इसकी जाँच कराने का अनुरोध किया है।
मियाँदाद ने कहा कि पीसीबी के मुख्य संरक्षक होने के नाते जरदारी को डॉ. अशरफ के दो वर्ष के कार्यकाल में हुई आर्थिक अनियमितताओं की विधिवत जाँच कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि जाँच कराकर दोषी पाए जाने वाले लोगों को दंडित किया जाना चाहिए।
अपनी बेबाकी के लिए मशहूर मियाँदाद ने कहा कि पिछले वर्षों में बोर्ड को काफी क्षति हुई, क्योंकि पूर्ववर्ती सरकार ने क्रिकेट से कोई संबंध नहीं रखने वाले डॉ. अशरफ को पीसीबी का कर्ताधर्ता बना दिया था। अगर बोर्ड को दोबारा पटरी पर लाना है तो उसमें आमूलचूल बदलाव करना होगा।
पहले से ही डॉ. अशरफ के कटु आलोचक रहे मियाँदाद ने कहा कि पूर्व बोर्ड अध्यक्ष ने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को फायदा पहुँचाने के लिए कई नए पद सृजित कर दिए थे। उन्होंने कहा कि मैंने अब तक बोर्ड के मुख्य संचालन अधिकारी जैसे पद के बारे में नहीं सुना था, लेकिन डॉ. अशरफ ने अपने लोगों को उपकृत करने के लिए ऐसे पद बनाए।
उन्होंने जरदारी को देश में क्रिकेट की छवि को साफ-सुथरा करने के लिए एकदम काबिल इनसान बताया है। बहरहाल सूत्रों के मुताबिक जरदारी भी खेल मंत्रालय को इस संबंध में कड़े कदम उठाने के निर्देश देने का मन बना रहे हैं।