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आईपीएल का आयोजन भारत में नहीं होगा

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मुंबई (भाषा) , रविवार, 22 मार्च 2009 (16:21 IST)
सुरक्षा मसले पर केंद्र सरकार और बीसीसीआई के बीच तालमेल नहीं बैठ पाने के बाद आखिरकार आज बोर्ड ने इंडियन प्रीमियर लीग ट्वेंटी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट भारत से बाहर कराने का चौंकाने वाला फैसला ले लिया और ऐसी अटकलें हैं कि इंग्लैंड या दक्षिण अफ्रीका इसके मेजबान हो सकते हैं।

बीसीसीआई ने आज यह चौंकाने वाला फैसला लिया। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय और कुछ राज्य सरकारों ने आयोजकों से कहा था कि लोकसभा चुनाव के दौरान पड़ने वाले इस 45 दिवसीय टूर्नामेंट के लिए पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करा पाना संभव नहीं होगा।

PTI
टूर्नामेंट का शेड्यूल दोबारा तैयार करने और कुछ स्थानों में बदलाव से भी गृह मंत्रालय और राज्य सरकारों को तसल्ली नहीं हुई क्योंकि लाहौर में श्रीलंकाई टीम पर आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा चिंताएँ काफी बढ़ गई हैं।

आईपीएल में करीब दस हजार करोड़ रुपए दाँव पर लगे हैं, जिसमें ज्यादा रकम टीवी अधिकारों और प्रायोजन से मिलनी है। बीसीसीआई ने इन आर्थिक समीकरणों को ध्यान में रखकर सरकार पर गुगली फेंकते हुए टूर्नामेंट विदेश में कराने का फैसला ले लिया।

बीसीसीआई कार्यसमिति की आपात बैठक के बाद अध्यक्ष शशांक मनोहर ने कहा कि उन्हें सरकार के रवैये के कारण मजबूरन यह फैसला लेना पड़ा। बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा कि अगले कुछ दिन में स्थान का फैसला हो जाएगा। बीसीसीआई सूत्रों ने कहा कि इंग्लैंड या दक्षिण अफ्रीका में टूर्नामेंट हो सकता है।

उन्होंने कहा कि हम दूसरे बोर्ड से बात कर रहे हैं। अगले दो-तीन दिन में मेजबान का फैसला हो जाएगा। मनोहर ने कहा ‍कि मैं भारत के लोगों से माफी माँगता हूँ कि हम टूर्नामेंट बाहर करा रहे हैं, लेकिन हम टूर्नामेंट कराएँगे क्योंकि कम से कम वे इसे टीवी पर तो देख सकेंगे।

आईपीएल कमिश्नर और अध्यक्ष ललित मोदी ने कहा कि मैचों की संख्या प्रारूप और समय में कोई बदलाव नहीं होगा। मोदी ने कहा कि मैचों का समय और तारीखें यथावत रहेंगी। भारतीय दर्शक मैचों को 4 बजे से और रात 8 बजे से ही देखेंगे। राजस्व का कोई मसला नहीं है, बात टूर्नामेंट कराने की है। टूर्नामेंट में 59 मैच ही होंगे।

उन्होंने कहा कि हम इसे पिछली बार की तरह सफल बनाने की हरसंभव कोशिश करेंगे और गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मोदी ने कहा कि विदेश में मैच कराने से लागत में इजाफा अहम नहीं है, बल्कि टूर्नामेंट का आयोजन ज्यादा जरूरी है।

उन्होंने यह भी कहा कि टूर्नामेंट को लेकर बीसीसीआई और सोनी के बीच प्रसारण विवाद भी 24 घंटे के भीतर सुलझ जाएगा। मनोहर ने राज्य सरकारों के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने आखिरी मौके पर पैंतरा बदल दिया।

उन्होंने कहा कि आंध्र सरकार ने पहले अनुमति दे दी थी लेकिन बाद में पलट गई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने पत्र लिख दिया कि वे 13 मई तक मैच नहीं करा सकते। हमारे 18 मैच महाराष्ट्र में होने थे। मनोहर ने कहा कि बीसीसीआई अधिकारी अब आठों फ्रेंचाइजी टीमों के मालिकों से बात करेंगे और उन्हें नहीं लगता कि किसी को इस फैसले पर एतराज होगा। उन्होंने यह बात विजय माल्या और नीता अंबानी की मौजूदगी में कही।

टूर्नामेंट 10 अप्रैल से 24 मई तक होना है और बीसीसीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा कि इन तारीखों के बाद आईपीएल कराने की कोई गुंजाइश नहीं बचती। इसमें कहा गया कि बीसीसीआई को इल्म है कि आम चुनाव 16 अप्रैल से 13 मई तक होने हैं। बोर्ड ने आईपीएल मैचों के शेड्यूल को लेकर गृह मंत्रालय से कई बार बातचीत की।

इसमें कहा गया कि मौजूदा व्यस्त कार्यक्रम के चलते इस साल आईपीएल के लिए दूसरी कोई गुंजाइश नहीं बचती। आईपीएल के खत्म होते ही टीमें 25 मई से इंग्लैंड में खेलेंगी, जहाँ दो जून से ट्वेंटी-20 विश्व कप होना है। विज्ञप्ति के अनुसार आईसीसी ट्वेंटी-20 विश्व कप के बाद भारतीय टीम वेस्टइंडीज में चार वनडे खेलेगी। उसके बाद टीम त्रिकोणीय श्रृंखला के लिए जिम्बाब्वे जाएगी।

इसमें कहा गया कि सितंबर में भारत दक्षिण अफ्रीका में चैम्पियंस ट्रॉफी खेलेगा जिसके बाद चैम्पियंस लीग है। अक्टूबर 2009 से मार्च 2010 तक ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखलाएँ खेलनी हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया कि पहले आईपीएल से 100 करोड़ रुपए राजस्व के अलावा विभिन्न स्थानों पर रोजगार के अवसर भी मिले। हम टूर्नामेंट में काट-छाँट या इसे रद्द नहीं कर सकते। हमारे पास दूसरे देश में इसके आयोजन के अलावा कोई चारा नहीं है।

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